यहां पिता की हो जाए मौत तो बच्चे को भी मार दिया जाता है

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जारवा जनजाति भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पाई जाती है।

वर्तमान में इनकी संख्या 250 से 400 के बीच होने का अनुमान है, जो बहुत कम है।

जारवा लोगों की त्वचा का रंग पूरी तरह काला होता है और वे छोटे कद के होते हैं।

अगर कोई बाहरी व्यक्ति उनके इलाके में घुसता था, तो ये लोग उसे देखते ही मार देते थे।

यह जनजाति आज भी धनुष-बाण से शिकार करती है। इस समुदाय में एक अजीब परंपरा है।

अगर किसी बच्चे की मां विधवा हो जाती है या उसका पिता किसी दूसरे समुदाय का होता है, तो बच्चे को मार दिया जाता है।

अगर बच्चे का रंग थोड़ा भी गोरा हो तो कोई भी उसके पिता को दूसरे समुदाय का समझकर उसकी हत्या कर देता है।