ये थे मुगल काल का सबसे बदनसीब बादशाह!
आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर को बदकिस्मत बादशाह कहा जाता है। वह खुद को बदकिस्मत मानते थे।
एक समय में मुगल बादशाह की मौत के बाद कब्रें बनाई जाती थीं। लेकिन बहादुर शाह जफर की मौत के बाद ऐसा कुछ नहीं हुआ।
मुगलों का रुतबा खत्म हो गया।
1850 के दशक में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एकजुट हुए विद्रोहियों का नेतृत्व बादशाह जफर कर रहे थे।
इसलिए अंग्रेजों ने दिल्ली की घेराबंदी शुरू कर दी। बहादुर शाह को शांतिपूर्ण तरीके से गिरफ्तार किया गया ताकि विद्रोह पनप न सके।
21 सितंबर को बादशाह को बर्मा के रंगून भेज दिया गया। आखिरी वक्त में मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर अंग्रेजों से मिलने वाली पेंशन पर जी रहे थे।
7 नवंबर 1862 को एक छापे के बाद बादशाह ने आखिरी सांस ली। बादशाह को रंगून में दफनाया गया
ताकि किसी को उनकी कब्र के बारे में जानकारी न मिल सके। उनकी कब्र 132 साल बाद खोजी गई।