दुनिया में यहां मिला नया महासागर
वैज्ञानिकों को पृथ्वी की सतह के बहुत ही नीचे पानी का एक भंडार मिला है
पृथ्वी के सभी महासागरों के आकार का तीन गुना है.
जल भंडार हमारे सतह के लगभग 700 किमी नीचे मौजूद है
जिसकी
कभी किसी ने कल्पना भी नहीं थी.
पृथ्वी पर पानी उल्कापिंडों या धूमकेतुओं से आया था. अध्ययन बताता कि पृथ्वी के महासागर उसके क्रोड़ से ही निकले थे.
इलिनोइस में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक पृथ्वी के पानी की उत्पत्ति का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे.
विशाल खोज की ओर धकेल दिया और उन्हें सतह से 700 किलोमीटर नीचे
रिंगवुडाइट के नाम से जानी जाने वाली नीली चट्टान के भीतर छिपा हुआ यह महासागर,
शोध बताता है कि पृथ्वी पर पानी धूमकेतु के प्रभाव के माध्यम से नहीं पहुंचा होगा
पृथ्वी के महासागर धीरे-धीरे इसके क्रोड़ से ही बाहर निकल कर अस्तित्व में आए होंगे.
संयुक्त राज्य भर में 2000 भूकंपमापी यंत्रों की एक शृंखला का उपयोग किया
जिसमें 500 से अधिक भूकंपों से भूकंपीय तरंगों का विश्लेषण किया गया.
आंतरिक परतों से होकर गुजरने वाली तरंगें गीली चट्टानों से गुजरते समय धीमी हो जाती हैं