हर आदमी होता है अपनी पत्नी का चौथा पति, जानिए क्या कहते हैं ग्रंथ
आप अपनी पत्नी के चौथे पति हैं, आपसे पहले उसकी तीन शादियां हो चुकी हैं।
आपकी होने वाली पत्नी आपसे शादी करने से पहले तीन अन्य लोगों से शादी कर चुकी होती है।
लेकिन आज के समय में संस्कृत के श्लोकों और शादी के रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी नहीं होती है।
फेरे के समय दूल्हे से पहले मंत्रोच्चारण के साथ इंद्र, चंद्रमा और मित्र वरुण के साथ स्त्री का विवाह कराया जाता है।
इस प्रकार स्त्री के पहले पति इंद्र, चंद्रमा और वरुण होते हैं, उसके बाद वर आता है।
इससे उसका चार पतियों की पत्नी होने का अधिकार भी सुरक्षित रहेगा और समाज में व्यवस्था भी बनी रहेगी।
श्वेतकेतु ऋषि उद्दालक के पुत्र थे। उन्हें वर्तमान समय में हमारे समाज में प्रचलित विवाह व्यवस्था का निर्माता माना जाता है।
उन्होंने यौन संबंधों के मामले में पुरुषों और महिलाओं को मिलने वाली स्वतंत्रता को प्रतिबंधित किया।
वैदिक परंपरा को जीवित रखने के लिए महिला का विवाह तीन देवताओं से किया जाता है।