यहां आज भी मौजूद हैं हनुमान जी…
शास्त्रों और वेदों में हनुमान जी को कलियुग का देवता बताया गया है।
हनुमान जी की कृपा से ही तुलसीदास जी को भगवान राम और लक्ष्मण जी के दर्शन प्राप्त हुए।
कलियुग में गंधमादन पर्वत ही भगवान हनुमान का निवास स्थान है, इसके कई प्रमाण कई स्थानों पर मिलते हैं।
कहा जाता है कि इस स्थान पर कई ऋषि-मुनियों ने भी तपस्या की थी और उन्हें हनुमान जी के दर्शन प्राप्त हुए थे।
शास्त्रों में कहा गया है कि जहां भी रामायण का पाठ होता है वहां हनुमान जी किसी न किसी रूप में अवश्य मौजूद रहते हैं।
का मानना है कि हनुमान जी ने कलयुग में नीम करोली बाबा के रूप में जन्म लिया था।
भगवान हनुमान न केवल अपने भक्तों के मन में बल्कि राम भक्तों के मन में भी बसते हैं।