ज्यादातर मर्द यही सोचते हैं कि उनके लिए पिता बनने की उम्र कोई मायने नहीं रखती है, उनको लगता है कि बायोलॉजिकल क्लॉक बच्चे को जन्म देने वाली मां के लिए ही महत्वपूर्ण है
वहीं, डॉक्टर्स कहते हैं कि पुरुषों में उम्र के साथ शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता में कमी आती है, विशेषज्ञों का सुझाव है कि पुरुषों के लिए पिता बनने की सबसे सही उम्र 20 से 30 साल के बीच हाती है
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि 40 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों में सफलता की संभावना काफी कम हो जाती है। हालांकि,पुरुषों में आमतौर पर स्पर्म का उत्पादन बंद नहीं होता है
हालांकि, इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि उनके पास महिलाओं की तरह ‘जैविक घड़ी’ नहीं है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, स्पर्म्स में जेनेटिक म्यूटेशन होता है
इससे स्पर्म्स का डीएनए क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है, इससे प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है और भावी बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है
अध्ययनों से पता चला है कि एडवांस्ड पैटर्नल एज वाले पिताओं में न्यूरोडेवलपमेंटल डिस्ऑर्डर वाले बच्चे होने की आशंका ज्यादा हो सकती है
साल 2010 में किए गए एक रिसर्च में पाया गया कि 40 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों की संतानों में सामान्य बच्चों की तुलना में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिस्ऑर्डर विकसित होने का जोखिम पांच गुना था