जिसकी जन्म कुंडली में राहु पहले या सातवें घर में बैठा होता है उनकी अस्वभाविक मृत्यु हो सकती है। इनका मन कई बार उलझनों में घिरा रहता है। वैवाहिक जीवन में आपसी तालमेल की कमी रहती है।
जिन व्यक्तियों का जन्म कर्क लग्न में हुआ है। यानी कुंडली में पहले घर में कर्क राशि है और चंद्रमा इस राशि में बैठा है तो यह समझना चाहिए कि व्यक्ति पूर्वजन्म में व्यापारी रहा होगा
जिनकी जन्मपत्री में मंगल छठेए सातवें या दसवें स्थान में होता है वह पूर्वजन्म में बहुत ही क्रोधी व्यक्ति रहे होंगे। इन्होंने अपने क्रोध के कारण कई लोगों को कष्ट पहुंचाया होगा। इस जन्म में ऐसे व्यक्तियों वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। चोट और दुर्घटना के कारण कष्ट होता है।