शातिर मुगल रानी जो अपनी ही बेटी की सास बन गई
मुगल दरबार में कई रानियां बेहद ताकतवर रहीं और उन्होंने अपने दिमाग और शातिरपने से महल पर भी राज किया था
जहांगीर ने नूरजहां से शादी कर उसे बेगम का दर्जा दिया और कुछ ही दिन में वह महल पर अपनी हुकूमत चलाने लगी थी
नूरजहां का कुछ ही वर्षों में इतना प्रभाव हो गया कि हरम से लेकर महल तक उसकी ही चलती थी
दरबार और महल में अपनी हुकूमत बनाए रखने के लिए नूरजहां ने अपने परिवार के सदस्यों को बड़े-बड़े ओहदे दिलवाए
नूरजहां ने अपनी भतीजी मुमताज महल की शादी जहांगीर के बेटे खुर्रम से कराई, जो शाहजहां के नाम से गद्दी पर बैठा
नूरजहां ने अपने पहले पति से हुई बेटी मिहर-उन-निस्सा की शादी जहांगीर के छोटे बेटे शहरयार मिर्जा से कराई थी
इस तरह से नूरजहां अपनी ही सगी बेटी की सास भी बन गई थी, इस कदम के पीछे महल की सत्ता में अपना दखल बनाए रखना था
जहांगीर पर नूरजहां का प्रभाव इतना बढ़ गया था कि वह महल और राजनीति से जुड़े फैसले भी उसकी सलाह से लेता था
दरबार और शासन में उसके दखल से परेशान होकर शाहजहां ने गद्दी संभालते ही नूरजहां की ताकत सीमित कर दी थी