आज भी यहां रहते हैं हनुमान जी
ज्येष्ठ मास के मंगलवार को बड़ा मंगल कहा जाता है।
कल यानि 4 जून को दूसरा बड़ा मंगल है। इस दिन हनुमान जी की पूजा होती है।
मान्यता है कि हनुमान जी ने वृद्ध वानर का रूप लेकर महाबली भीम का घमंड तोड़ा था।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ और कानपुर में बड़ा मंगल पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि ज्येष्ठ मास के मंगलवार को नवाब का बीमार बेटा ठीक हुआ था।
बड़ा मंगल पर जगह-जगह भंडारे और भजन-कीर्तन होते हैं।
हनुमान जी को कलियुग का जाग्रत देवता माना जाता है और उन्हें धरती पर रहने का वरदान मिला है।
हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर रहते हैं, जो कि हिमालय के कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित है।
त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी को चिरंजीवी रहने का वरदान दिया था।
महाभारत के समय भगवान कृष्ण ने अर्जुन के रथ की ध्वजा में हनुमान जी को विराजमान किया था।
गंधमादन पर्वत तिब्बत में स्थित है और वहां पहुंचने के तीन रास्ते हैं।
नेपाल के मानसरोवर से, भूटान की पहाड़ियों से, और अरुणाचल के रास्ते चीन से।