India News(इंडिया न्यूज़), Mangalyaan mission: आज नवंबर महीने का 5वां दिन है, ये साल का 308वां दिन है। इस दिन से जुड़े इतिहास की बात करें तो इस दिन से जुड़ी कई ऐसी घटनाएं हैं जिनका अपना-अपना महत्व है। ये घटनाएँ बहुत ऐतिहासिक महत्व रखती हैं। अब बात करते हैं साल 2013 की। इस साल 5 नवंबर भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बेहद अहम दिन था। आज ही के दिन श्रीहरि कोटा से मिशन एमओएम यानी मार्स ऑर्बिटर मिशन लॉन्च किया गया था। यह मिशन भारत का पहला मंगल मिशन था जो सफल रहा। आपको बता दें कि चंद्रयान 1 के बाद मंगलयान 1 इसरो का दूसरा सबसे बड़ा अंतरिक्ष कार्यक्रम था।
देश के अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में 5 नवंबर का दिन एक खास उपलब्धि के साथ दर्ज है। भारत ने 5 नवंबर, 2013 को अंतरिक्ष में अपना पहला मंगल मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अपने पीएसएलवी के माध्यम से लॉन्च किया था। इसके साथ ही भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा। भारत मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचने वाला पहला एशियाई देश और अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। सबसे कम लागत में तैयार हुआ यह अंतरिक्ष यान 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में पहुंचा। भारत से पहले अमेरिका, रूस और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगल की कक्षा में प्रवेश की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी।
मानवरहित मंगलयान मिशन पहली बार 2008 में तत्कालीन इसरो अध्यक्ष जी द्वारा लॉन्च किया गया था। इसे सार्वजनिक रूप से माधवन नायर द्वारा मान्यता दी गई थी। यह परियोजना 2010 में चंद्रयान-1 के सफल प्रक्षेपण के बाद शुरू हुई। परियोजना की पूर्णता का विश्लेषण करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा एक अध्ययन आयोजित किया गया था। इस परियोजना को आधिकारिक तौर पर 3 अगस्त 2012 को प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा अनुमोदित किया गया था।
• अपने मंगलयान मिशन के माध्यम से, भारत न केवल मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुँचने की उपलब्धि हासिल करने वाला पहला एशियाई देश बन गया, बल्कि अपने पहले ही प्रयास में ऐसा करने वाला पहला देश भी बन गया।
• मंगल ग्रह पर अब तक का सबसे सस्ता मिशन होने के कारण मंगलयान मिशन की भी प्रशंसा की गई।
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