होम / Electoral Bonds Case: चुनावी बॉन्ड क़ानूनी या गैरक़ानूनी? सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

Electoral Bonds Case: चुनावी बॉन्ड क़ानूनी या गैरक़ानूनी? सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

• LAST UPDATED : February 15, 2024

India News(इंडिया न्यूज़), Electoral Bonds Case: केंद्र सरकार की चुनावी बांड वैध हैं या अवैध, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि गुमनाम चुनावी बांड योजना सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दलों को वित्तीय मदद बदले की भावना को जन्म दे सकती है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला (Electoral Bonds Case)

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि चुनावी बांड योजना कालेधन पर अंकुश लगाने वाली एकमात्र योजना नहीं है। इसके लिए अन्य विकल्प भी हैं। उन्होंने कहा कि कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सूचना के अधिकार का हनन नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम जनता को यह जानने का अधिकार है कि सरकार का पैसा कहां से आता है और कहां जाता है।

चुनावी बांड क्या है?

चुनावी बॉन्ड योजना के तहत कोई भी व्यक्ति भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से चुनावी बॉन्ड खरीदकर राजनीतिक दलों को चंदा दे सकता है। दानकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाती है। योजना के तहत, किसी भी बांड से होने वाली आय जिसे जारी होने के 15 दिनों के भीतर भुनाया नहीं जाता है, प्रधान मंत्री राहत कोष में जमा की जाती है।

ये भी पढ़े:
ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox