India News (इंडिया न्यूज़), 2000 Rupees Exchange, दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते शुक्रवार को 2000 रुपए के नोट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। जिसे लेकर स्टेट बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खाड़ा ने बताया कि किस तरह से नोट विड्रॉल करने के फैसले से अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। जिसमें उन्होंने बताया कि विड्रॉल करने से अर्थव्यवस्था पर किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं देखने को नहीं मिलेगा। क्योंकि यूपीआई ट्रांजैक्शन इस गैप को पूरी तरीके से पूरा कर लेगा।
जानकारी के लिए आपको बता दें एसबीआई के चेयरमैन ने आगे बताते हुए कहा कि जीडीपी का करीब 63 से 64 फ़ीसदी सपोर्ट करता है। वही आज के समय में यूपीआई जीडीपी का 50 से 51% हिस्सा कंट्रीब्यूट करता है। 2000 के नोट को वापस लेने से प्रभाव बहुत कम देखने को मिलेगा।
मीडिया से बातचीत के दौरान एसबीआई के चेयरमैन ने बताया कि 2000 के नोट का सरकुलेशन में योगदान सिर्फ 50 फ़ीसदी ही है। दरअसल उनका कहना है कि इसे बाहर करने से 10.8 से लेकर 11 तक है। लेकिन इस फैसले के बाद यूपीआई को और आगे बढ़ाने पर फोकस करना पड़ेगा।
केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को कहा कि 2000 रुपये के नोट को वापस लिए जाने का फैसला लिया गया है। हालांकि अभी 2000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे। आरबीआई ने बैंकों को भी कहा कि वे 2000 रुपये के नोटों को जारी करने से तत्काल प्रभाव से रोक दें। इसके अलावा, आरबीआई ने कहा कि 19 क्षेत्रीय ऑफिस और अन्य बैंक 23 मई से नोटों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करें।
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