नई दिल्ली: देश में इस साल भीषण गर्मी पड़ रही है और साथ में धूप से बचाने वाले सनस्क्रीन्स की बिक्री भी इस बार ज्यादा हो रही है। रिसर्च फर्म आईएमएस के द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार इस साल मई में मेडिकेटेड सनस्क्रीन की बिक्री में 2020 की तुलना में करीब 55 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। ये सनस्क्रीन्स दवा बनाने वाली कंपनियां बनाती हैं और सामान्य सनस्क्रीन्स कॉस्मेटिक होती हैं। मार्च 2020 में कोरोना महामारी और उससे लगे लॉकडाउन की वजह सनस्क्रीन्स की बिक्री में गिरावट आई थी। इसकी वजह यह थी कि लोग लॉकडाउन की वजह से घरों में थे और उन्हें धूप से बचाने वाली क्रीम की जरूरत कम पड़ रही थी। लेकिन अब इसका मार्केट 10 से 15 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है। देश में इसका मार्केट करीब 300 करोड़ रुपये का है।
सन फारमा, हेज एंड हेज, आईपीसीए, और ग्लेनमार्क सनस्क्रीन बनाने वाली प्रमुख कंपनियों में शामिल हैं। इस साल अधिकतर कंपनियों की बिक्री में दोगुना या तिगुना बढ़ोतरी हुई है। सनस्क्रीन की बिक्री में तेजी बहुत से कारण हैं। लोगों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ गई है। साथ ही डॉक्टर की पर्ची से मिलने वाली सनस्क्रीन्स लोगों को ज्यादा लोकप्रिय है जबकि इनकी कीमत सामान्य सनस्क्रीन्स की तुलना में दो से तीन गुना ज्यादा है। हालांकि ज्यादातर मेडिकेटेड सनस्क्रीन्स डॉक्टर स्लिप से ही मिलती हैं लेकिन यह डॉक्टर की पर्ची के बिना भी उपलब्ध हैं।
डॉक्टर कुछ सनस्क्रीन्स को लगाने की सलाह मुहासों जैसी स्किन की बीमारियों के इलाज के लिए देते हैं। इस साल मई में स्किन की बीमारियों के इलाज में असरदार दवाओं में सबसे ज्यादा ग्रोथ सनस्क्रीन्स में रही है। पिछले साल की तुलना में इसमें 150 फीसदी तेजी दिखी।
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