Budget 2023: भारत का बजट वित्त मंत्री द्वारा ही पेश किया जाता है। इस बार का बजट देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को पेश करेंगी। बता दें कि सीतारमण का इस बार चौथा बजट भाषण होगा और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजट पेश करने का मौका भारत के हर वित्त मंत्री को नहीं मिल सका है। तो आइए जानते हैं उन भारत के वित्त मंत्री के बारे में जो बजट पेश नहीं कर सके।
क्षितिज चंद्र नियोगी देश के दूसरे वित्त मंत्री व पहले वित्त आयोग के अध्यक्ष थे। उनको षणमुखम शेट्टी की जगह पर लाया गया था। लेकिन महज 35 दिनों बाद ही उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। 1946 में नियोगी को देश की संविधान सभा के सदस्य के रूप में भी चुना गया था। इतना ही नहीं वह पंडित नेहरू के पहले कैबिनेट के सदस्य भी थे।
हेमवती नंदन बहुगुणा 1979 में इंदिरा सरकार के लिए वित्त मंत्री बने थे। बहुगुणा भी अपने छोटे कार्यकाल की वजह से बजट पेश नहीं सके। बता दें कि उनका कार्यकाल साढ़े पांच महीने का रहा था। यही कारण है कि उन्हें बजट पेश करने का मौका नहीं मिल सका। बहुगुणा 1977 में केंद्रीय मंत्रिमण्डल में पेट्रोलियम, रसायन तथा उर्वरक मंत्री रहे थे। इसके अलावा उन्हें दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला था।
नारायण दत्त तिवारी भी बजट पेश नहीं कर पाए थे। वे 1987-88 में वित्त मंत्री बने थे। इसके अलावा वह तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री बने। बाकी वित्त मंत्री के तरह इनका कार्यकाल छोटा नहीं रहा था। इसके बावजूद उन्हें इसका मौका नहीं मिल सका। उनके बजट पेश नहीं करने का कारण है कि उनकी जगह तत्कालीन प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया था।
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