नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एकीकृत निगम हाउस ने खाली प्लॉट और खाली पड़ी बिल्डिंगों के मालिकों से हाउस टैक्स वसूलने की तैयारी कर ली है। निगम ने सौ गज से बड़े खाली प्लॉटों को संपत्ति कर उन्हें दायरे में लाने के लिए निगम के जोन अधिकारियों ने सर्वे शुरू कर दिया है। इस संबंध में सभी जोन अधिकारियों को निगम आयुक्त की ओर से आदेश जारी किए गए हैं, जिन संपत्ति मालिकों ने टैक्स नहीं जमा कराया है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।
एकीकृत होने के बाद से निगम ने एक शहर एक टैक्स की नीति पर काम करना शुरू कर दिया है। निगम के सभी 12 जोन में हाउस टैक्स की दरें अब समान्य कर दी गई हैं, इसके साथ ही पहले जो हाउस टैक्स पर 15 फीसदी की छूट मिलती थी उसे अब 10 फीसदी कर दिया गया है।
हाउस टैक्स विभाग के सूत्रों ने बताया कि निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती की ओर से कुछ दिन पहले एक आदेश दिया गया था जिसमें अधिकारियों से कहा गया था कि अधिकार क्षेत्र में आने वाले जो खाली प्लॉट और फ्लैट किसी कारण के चलते हाउस टैक्स जमा कराने के दायरे से बाहर हैं तो जल्द से जल्द उनका सर्वे करा जाए और उनके मालिकों से टैक्स वसूला जाए।
आदेश जारी होने के बाद अधिकारियों ने अपने-अपने जोन में ऐसी प्लॉट और फ्लैटों का सर्वे शुरू कर दिया है। इस सर्वे में अब तक 120 खाली प्लॉटों को टैक्स नहीं जमा किया है। अधिकारियों ने बताया कि कई ऐसे प्लॉट भी हैं जिन्हें लोगों ने कूड़ाघर बना दिया है।
ये भी पढ़ें: ‘आप MLAs को 20 करोड़ के ऑफर’ पर सिसोदिया ने तोड़ी चुप्पी, ट्विट कर बीजेपी पर साधा निशाना