India News (इंडिया न्यूज),Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में मेट्रो के लिए एक नई तकनीकी विकसित करने की कवायत तेज हो गयी है। यह तकनीकी भारत में किसी भी मेट्रो प्रणाली में शुरू की गई अपनी तरह की पहली परियोजना होगी। रणनीतिक सहयोग के माध्यम से यात्री अनुभव को बेहतर बनाने और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए डीएमआरसी और इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली ( IIIT Delhi) ने सेंटर फॉर सस्टेनेबल मोबिलिटी (सीएसएम) के माध्यम से आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। डॉ. विकास कुमार, प्रबंध निदेशक, डीएमआरसी ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। डॉ.अमित कुमार जैन, निदेशक परिचालन एवं सेवाएं, डीएमआरसी, डॉ.पुष्पेंद्र सिंह, दिल्ली-आईआईआईटी के डीन और डॉ.प्रवेश बियानी, मुख्य सीएसएम आईआईआईटी- दिल्ली द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और डायनामिक विज्ञापन डिस्प्ले का शुभारंभ किया गया। यह सहयोग ट्रांजिट इंडस्ट्री के भीतर तकनीकी नवाचार में एक कदम आगे बढ़ने का प्रतीक है, क्योंकि डीएमआरसी और आईआईआईटी-दिल्ली मिलकर यात्री अनुभव को बढ़ाने, प्रौद्योगिकी को उन्नत करने और सार्वजनिक परिवहन को नया आयाम देने की यात्रा पर अग्रसर हैं।
ओपन ट्रांज़िट डेटा से अभिप्राय सार्वजनिक रूप से सुलभ परिवहन सूचनाएं जैसे यात्रा शेड्यूल और मार्ग आदि से है, जो एक मानकीकृत प्रारूप में होता है। इसकी ओपननेस डेवलपर्स और शोधकर्ताओं को ऐसे ऐप्स और सेवाएं तैयार करने में सक्षम बनाता है जिससे परिवहन दक्षता बढ़ती हैं।
आईआईआईटी दिल्ली ने डीएमआरसी के सहयोग से अपने ट्रांजिट डेटा जैसे स्टेशन विवरण, किराया और शेड्यूल को दिल्ली के ओटीडी प्लेटफॉर्म (https://otd.delhi.gov.in/) पर जनरल ट्रांजिट फीड स्पेसिफिकेशन (जीटीएफएस) प्रारूप में प्रकाशित करना शुरू कर दिया है। इससे कुल मिलाकर ट्रांजिट अनुभव में सुधार होगा और यात्रियों के बीच सूचना का प्रसार होगा तथा मेट्रो प्रणाली के भीतर अधिक सहज और बेहतर यात्रा अनुभव तैयार करने में मदद मिलेगी। ट्रांजिट डाटा प्राप्त करके, एप्लिकेशन और सेवाएं विकसित की जा सकती हैं जो यात्रियों को मोबाइल ऐप, वेबसाइट या ट्रांजिट स्टॉप और स्टेशनों पर डिजिटल डिस्प्ले के माध्यम से विभिन्न तरीकों से जानकारियां उपलब्ध कराती हैं।
इस पहल के अंतर्गत द्वारका स्टेशन (ब्लू और ग्रे लाइन का इंटरचेंज) की गैलरी पर डायनामिक विज्ञापन स्क्रीन लगाई गई है। मार्केटिंग एजेंसियां इस उद्देश्य हेतु विकसित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपना पंजीकरण करा सकती हैं। वेबसाइट पर विभिन्न समयावधियों के लिए विज्ञापन दरों के साथ स्पेस उपलब्ध हैं। मार्केटिंग कंपनियां विज्ञापन के लिए ऑनलाइन टाइम स्लॉट खरीद सकती हैं, ऑनलाइन भुगतान कर सकती हैं और विज्ञापन सामग्री (वीडियो/स्टेटिक) अपलोड कर सकती हैं।
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