Delhi Rojgar: देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ ने अपने कैदियों को एक खुशखबर सुनाई है। सूत्रों से पता चला है कि तिहाड़ जेल के कैदी अब पढ़-लिखकर नौकरी करेंगे। जेल में बंद कैदियों के लिए खानपान के व्यवसाय से जुड़े पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। दरअसल, बृहस्पतिवार (19 जनवरी) को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कैदियों के अलग-अलग व्यवसाय में कौशल विकास के लिए शुरु किए गए कार्यक्रमों का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि “प्रत्येक कैदी में सुधार की क्षमता होती है। कैदी इस क्षमता का इस्तेमाल करें और यह प्रण लें कि वह दोबारा जेल में नहीं आएंगे।” इस अवसर पर उपराज्यपाल ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि कैदियों के बनाए उत्पादों की बेहतर विपणन हो।
बता दें कि कौशल विकास से जुड़ा यह कार्यक्रम दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की ओर से आयोजित किए जा रहे हैं। इसके प्रशिक्षण के लिए एक एजेंसी का चयन किया गया है जिसके चलते कैदियों को खानपान के व्यवसाय से जुड़े कोर्स कराए जाएंगे। इस कोर्स का लाभ 1020 कैदी उठाएंगे। इसके लिए 30-30 कैदियों का एक बैच बनाया जाएगा।
कोर्स में उन कैदियों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्हें कोर्स पूरा होने के कुछ समय बाद ही जेल से रिहाई मिलनी है। कोशिश की जा रही है कि प्रशिक्षण के उपरांत जब कैदी जेल से बाहर निकलें तो उन्हें नौकरी भी दिलाई जाए। कंपनियों ने 70 फीसदी प्रशिक्षण प्राप्त कैदियों को नौकरी देने का आश्वासन दिया है। इसके लिए जेल में एक प्लेसमेंट मेला का भी आयोजन किया जाएगा।
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