Delhi University: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के बाद अब दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) भी हिंदुत्व (Hindutva) की पढ़ाई पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। DU के छात्र अब से हिंदुत्व पढ़ाई कर पाएंगे। हालांकि यूनिवर्सिटी ने अभी यह तय नहीं किया है कि इस पाठ्यक्रम की शुरुआत कब से होगी?
बता दें कि यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना के लिए अधिसूचना जारी कर 17 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है। इस समिति के लिए डीयू दक्षिणी परिसर के डायरेक्टर प्रोफेसर श्रीप्रकाश सिंह को का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इतना ही नहीं इस समिति में कई डीन, कई विभागों के विभागाध्यक्ष, निदेशक, कालेजों के प्राचार्य और वरिष्ठ प्रोफेसर्स को भी शामिल किया गया है।
यूनिवर्सिटी के प्रशासन ने कहा कि, DU बीएचयू की तरह ही हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना करने पर विचार कर रहा है। प्रारंभिक स्तर पर यह तय किया गया है कि बीएचयू की तर्ज पर डीयू में इसकी पढ़ाई होगी। आपको बता दें कि साल 2022 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा हिंदू स्टडीज पर राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) का भी आयोजन किया जा चुका है।
अब यहां पर ये सवाल उठता है कि आखिर हिंदू स्टडीज की जरूरत क्यों पड़ी? इस बारे में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विद्वानों का कहना है कि इसे विचारधारा से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। भारत में हिंदू दर्शन को लेकर जो सिद्धांत बने, वो कैसे बने और उन्हें कैसे व्यवहार में लाया गया, पर विस्तार से जानकारी पाठ्यक्रमों के जरिए छात्रों को देने का लक्ष्य तय किया गया है।
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