पिछले कई दिनों से स्पाइसजेट के विमानों में दिक्कतें सामने आई हैं। जिसके बाद DGCA ने बड़ा फैसला लिया है। DGCA ने 8 हफ्तों के लिए सिर्फ 50% स्पाइसजेट के विमानों को उड़ान भरने का आदेश दिया है। 18 दिनों के अंदर विमानों में 8 बार तकनीकी खराबी हुई थी। DGCA ने इसे देखते हुए कपंनी के लिए नोटिस जारी किया था। हाल ही में सरकार ने भी राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि DGCA ने स्पाइसजेट के विमानों की स्पॉट चेकिंग की थी।
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा को बताया कि 48 स्पाइसजेट विमानों पर DGCA ने 9 जुलाई से 13 जुलाई के बीच 53 स्पॉट चेक किए थे और इसमें कोई भी बड़ा सुरक्षा उल्लंघन नहीं देखा गया।
स्पाइसजेट के लिए 6 जुलाई को जारी अपने नोटिस में रेगुलेटर ने कहा था कि एयरलाइन एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 के तहत ‘सुरक्षित हवाई सेवाएं देने में विफल रही। घटनाओं को देखते हुए पता चलता है कि खराब आंतरिक सुरक्षा के कारण सिक्योरिटी मार्जिन में गिरावट आई। रेगुलेटर ने एयरलाइन को नोटिस का जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का वक्त दिया।
5 जुलाई को दिल्ली से दुबई जा रहे विमान के ऑयल इंडिकेटर में खराबी का पता चला। जिसके बाद विमान की इमरजेंसी लैडिंग पाकिस्तान के कराची में करानी पड़ी। उस फ्लाइट के सभी यात्री सुरक्षित थे। एयरलाइन ने कहा- स्पाइसजेट B-737 की फ्लाइट नंबर SG-11 दिल्ली से दुबई जा रही थी। यात्रियों को वहां से दुबई ले जाने के लिए दूसरा विमान भेजा गया।
कांगड़ा-मुंबई के लिए उड़े एक विमान की प्रायोरिटी लैंडिंग मुंबई में करानी पड़ी गई थी। DGCA के अनुसार स्पाइसजेट के क्यू-400 विमान की विंडशील्ड में 23 हजार फीट ऊंचाई पर दरार पड़ गई थी। जिसके कारण कांगड़ा-मुंबई फ्लाइट को तुरंत मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड कराने का फैसला किया गया।
स्पाइसजेट के बोइंग 737 फ्रीटर कार्गो प्लेन कोलकाता से चीन के चोंगकिंग जा रही थी लेकिन वेदर रडार ने काम करना बंद कर दिया। जिसके बाद विमान को वापस कोलकाता भेजा गया। कोलकाता में विमान की सुरक्षित लैंडिंग हो गई। बुधवार को एयरलाइंस ने इसकी जानकारी दी।
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