Diesel Shortage: दुनिया भर की अर्थव्यवस्था को तेजी प्रदान करने के लिए सबसे ज्यादा डीजल की जरूरत होती है। डीजल वाहन के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग और कृषि क्षेत्र में भी प्रयोग किया जाता है। सर्द देशों में लोग अपने घरों को गर्म रखने के लिए भी डीजल का इस्तेमाल करते है और जब प्राकृतिक गैस के दाम आसमान छू रहे हैं तो ऐसे में कई जगह डीजल का इस्तेमाल गैस की जगह भी करते है। लेकिन आने वाले महीनों में सप्लाई में कमी के चलते दुनिया के हर कोने में डीजल का संकट पैदा होने वाला है।
डीजल संकट के बाद कीमतों में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। जिससे अब घरों के गर्म रखने के लिए लोगों को रकम खर्च करना पड़ सकता है। बता दे कि अमेरिका में केवल डीजल के दामों में बढ़ोतरी के बाद वहां की अर्थव्यवस्था पर 100 अरब डॉलर का बोझ बढ़ने का अनुमान है। अमेरिका में डीजल और हीटिंग ऑयल का स्टॉक चार दशकों के निचले स्तर पर है। आपको बता दे कि रूस पर लगाये गए आर्थिक प्रतिबंधों के अमल में आने के बाद मार्च 2023 में संकट और गहरा सकता है।
आपको बता दे कि डीजल संकट का अंदाजा इससे लगा सकते है कि ग्लोबल एक्सपोर्ट मार्केट में डीजल का ऐसा संकट छाया है कि पाकिस्तान जैसे गरीब देशों को घरेलू जरूरतों के लिए सप्लाई के संकट का सामना करना पड़ रहा है। न्यूयॉर्क हार्बर जो कि बेंचमार्क है उसके स्पॉट मार्केट में डीजल के दामों में इस वर्ष 50 फीसदी का इजाफा आ चुका है। नंवबर में 4.90 डॉलर प्रति गैलन दाम पहुंच चुका है। जो 1 साल पहले के मुकाबले दोगुना ज्यादा हो गया है।
बता दे कि पुरी दुनिया में रिफाइनिंग कैपेसिटी में कमी आ गई है। क्रू़ड ऑयल की सप्लाई को लेकर भी तई तरह की दिक्कतें हैं, लेकिन मुश्किलें तब बढ़ जाती है तब क्रूड को पेट्रोल और डीजल में रिफाइन करना पड़ रहा है। कोरोना महामारी के दौरान मांग घटने के बाद रिफाइनिंग कंपनियों ने कई कम मुनाफा देने वाले अपने कई प्लांट्स को बंद कर दिया। 2020 के बाद से अमेरिका की रिफाइनिंग कैपेसिटी एक मिलियन बैरल प्रति दिन कम हो गई है, तो यूरोप में शिपिंग डिसरप्शन और वर्कर्स के हड़ताल के चलते रिफाइनिंग पर असर पड़ा है।
डीजल के संकट से भारत और चीन की रिफाइनिंग कंपनियों को फायदा होगा जो महंगे रेट पर बेच सकेंगे। जबकि गरीब देशों के लिए डीजल खऱीदना मुश्किल हो सकता है। मसलन श्रीलंका को ईंधन खरीदने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। थाइलैंड ने डीजल पर टैक्स घटाया है तो वियतनाम सप्लाई बढ़ाने के लिए इंमरजेंसी कदम उठा रहा है।
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