Education News: राजधानी दिल्ली में इस वर्ष नए शैक्षणिक सत्र के शुरुआत के साथ तीन लाख ऐसे स्टूडेंट्स मिले हैं जो क्लास में उपस्थित नहीं रहते हैं। यह आंकड़ा दिल्ली के स्कूलों के कुल छात्रों के संख्या का 18 फीसदी है। ये स्टूडेंट्स या तो 30 में से 20 दिन स्कूल में अनुपस्थित रहे या लगातार सात दिन स्कूल आए ही नहीं।
बता दें कि 1 अप्रैल से लेकर 20 अक्टूबर तक ऐसे 3 लाख 48 हजार 344 छात्रों की पहचान हुई है। ये जानकारी दिल्ली के बाल अधिकार संरक्षण आयोग से मिली है। ये दिल्ली के स्कूलों में इस तरह की गैरहाजिरी और ड्राप आउट रेट को कम करने की कोशिश करते हैं।
बता दें कि 0.3 फीसदी बच्चे अपने माता-पिता की मृत्यु, 0.22 फीसदी बच्चे बाल मजदूरी, 0.1 फीसदी बच्चे शादी और 0.1 फीसदी बच्चे यौन उत्पीड़न व मारपीट के कारण स्कूल नहीं जा पाए। जब 73 हजार से ज्यादा बच्चों के माता-पिता से संपर्क किया गया तो पता चला कि 33 हजार 131 बच्चे हस्तक्षेप के बाद स्कूल लौट आए। वहीं, इनमें 87 फीसदी वो बच्चे थे जिनके परिवार वालों को ये पता ही नहीं था कि उनके बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसके अलावा बाल मजदूरी और बाल विवाह वाले बच्चों के स्कूल वापस लौटने की दर सबसे कम देखने को मिली। बाल मजदूरी के 144 छात्रों में से 11 बच्चे स्कूल लौटे और बाल विवाह के 51 बच्चों में से एक छात्र ही स्कूल वापस लौटा।
ये भी पढ़ें: यमुना नदी में तैर रहा जहरीला झाग, स्थानीय महिला ने की साफ-सफाई कराने के की मांग