इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
देश की सबसे बड़े के आईपीओ (LIC IPO) का साइज 40 प्रतिशत तक घटने की खबर आई थी। वहीं अब ये सूचना आई है कि सरकार ने आईपीओ के जरिए कंपनी के 3.5 फीसदी शेयर 21,000 करोड़ रुपए में बेचने का मन बनाया है।
वहीं ऐसा भी कहा जा रहा है कि यदि इस आईपीओ के समय अगर निवेशकों ने ज्यादा उत्साह दिखाया तो ओवर-सब्सक्रिप्शन की हालत में इसे बढ़ाकर 5 फीसदी तक किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एलआईसी बुधवार तक सेबी (SEBI) के पास रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल कर देगी।
इसमें शेयरों का प्राइस बैंड, कर्मचारियों और पॉलिसीहोल्डर्स के लिए रिजर्वेशन एवं डिस्काउंट आदि के बारे में विस्तार से जानकारी होगी। इससे पहले शनिवार को कंपनी के बोर्ड की मीटिंग में नए प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है।बता दें कि एक दिन पहले ही ये सूचना आई थी कि रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण सरकार एलआईसी का वेल्यूशन कम कर सकती है।
एलआईसी (LIC) 30 हजार करोड़ रुपये (390 करोड़ डॉलर) का आईपीओ ला सकती है जो पहले के अनुमानों के मुताबिक करीब 40 फीसदी कम है। जबकि इससे पहले भारत सरकार ने फरवरी के महीने में एलआईसी के आईपीओ के तहत 5 फीसदी शेयर बेचने की योजना बनाई थी।
आईपीओ के जरिए सरकार 63,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही थी। बता दें कि यदि सरकार 12 मई तक एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) नहीं लाती है तो बाजार नियामक सेबी के पास फिर से कागजात जमा कर मंजूरी लेनी होगी। यदि ऐसा होता है तो इस आईपीओ में और देरी हो सकती है।
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यूक्रेन और रूस युद्ध के कारण निवेशकों का रवैया नकारात्मक हो रहा है। जब से युद्ध शुरू हुआ है तभी से शेयर बाजार में उथल पुथल जारी है। इसी कारण सरकार ने इस आईपीओ को लाने में और वक्त लिया था, ताकि बाजार में जारी उथल पुथल खत्म हो जाएं और बाजार स्थिर हो जाएं। लेकिन भारतीय बाजारों में अभी भी विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। इन सबके चलते सरकार एलआईसी आईपीओ का आकार घटाने पर विचार कर रही है।
LIC के एक अधिकारी के मुताबिक बताया कि सेबी की मंजूरी मिलने पर आईपीओ मई के पहले सप्ताह में लाया जा सकता है। इससे पहले फरवरी में एलआईसी ने सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे, जिसमें सरकार ने 31.6 करोड़ यानी 5 फीसदी शेयर बेचने का इरादा जाहिर किया था। वहीं इंटरनेशनल फर्म मिलिमैन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर 2021 को एलआईसी की एंबेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये आंकी थी।
6 लाख करोड़ रुपए की मौजूदा वैल्यूएशन इससे करीब 10 फीसदी अधिक है। सरकार के 65 हजार करोड़ रुपये के मौजूदा विनिवेश लक्ष्य में एलआईसी के आईपीओ का काफी बड़ा योगदान रहने वाला है। वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने 13,531 करोड़ रुपये का विनिवेश किया था।
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