Har Ghar Tiranga Abhiyan: हर घर तिरंगा अभियान की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। पूरे देश में आजादी के 75वें वर्ष को मनाने के लिए लोगों में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है और हर घर तिरंगा आह्वान के बाद देश भर के बाजारों में तिरंगे झंडे की मांग में बेतहाशा वृद्धि दिन पर दिन हो रही है, यहां तक कि बाजार में झंडे मिल ही नहीं रहे हैं। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार देश की सबसे बड़ी टेक्सटाइल मंडी सूरत में है। अकेले सूरत में ही कपड़ा व्यापारियों को 5 करोड़ से अधिक तिरंगे के ऑर्डर मिले हैं। जिनको पूरा करने के लिए दिन रात मिलों में काम चल रहा है।
वहीं अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार आदि में जहां भी कपड़ा मंडियां हैं। वहां लोगों ने अन्य रूटीन काम छोड़कर तिरंगे झंडे बनाना शुरू कर दिया है। आम तौर पर बाजारों में 9×6, 18×12, 16×24, 20×30 और 53×35 साइज के झंडों की बहुत मांग बढ़ी है। भरतिया और खंडेलवाल ने बताया की देश के कोने-कोने में आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की तैयारियां चल रही हैं और इस वजह से फिलहाल तिरंगे के ज्यादातर ऑर्डर कपड़ा बाजार के व्यापारियों को मिल रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा तिरंगा अभियान को कोरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी का हिस्सा बनाए जाने के बाद देश भर में कोरपोरेट वर्ग की कंपनियां भी झंडे मंगवाने में जुट गई हैं।
आम तौर पर देश में 26 जनवरी, 15 अगस्त तथा 2 अक्तूबर के दिनों के आस पास तिरंगे झंडों की मांग रहती थी पर पिछले दो वर्षों में कोविड के कारण इन राष्ट्रीय पर्वों के कार्यक्रम बड़े स्तर पर कहीं नहीं हुए जिससे जो स्टॉक बाजार में था, वही स्टॉक वर्तमान में बाजार में उपलब्ध था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार व राज्य सरकारों द्वारा हर घर तिरंगा अभियान को बड़े स्तर पर मनाए जाने और कैट द्वारा देश भर के व्यापारी संगठनों को इस अभियान से जुड़ने की अपील के बाद से देश के सभी राज्यों में तिरंगे झंडों की मांग में बेहद वृद्धि हुई है।
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