IMF चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया. जबकि बीते दिनों ही आरबीआई ने 2022-23 में वृद्धि दर सात प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. आईएमएफ ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान भले ही कम लगाया हो पर उसने कहा कि इसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.
IMF का वृद्धि अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से कम है. दरअसल आरबीआई के मुताबिक 2022-23 में वृद्धि दर सात प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत रह सकती है. सरकार ने 2022-23 के लिए अभी जीडीपी आंकड़े जारी नहीं किए हैं. साथ ही आपको बता दें कि आईएमएफ के अनुसार चीन की वृद्धि दर 2023 में 5.2 प्रतिशत और 2024 में 4.5 प्रतिशत रह सकती है. चीन की वृद्धि दर 2022 में तीन प्रतिशत थी.
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मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरिनचास ने कहा कि “आपूर्ति-श्रृंखला की रुकावटें और युद्ध के कारण ऊर्जा तथा खाद्य बाजारों में पैदा हुई बाधाएं भी कम हो रही है. इसके साथ ही ज्यादातर केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई मौद्रिक सख्ती का फल मिलना शुरू हो जाना चाहिए. साथ ही मुद्रास्फीति अपने लक्ष्यों की ओर वापस आ रही है.” वही उन्होंने वैश्विक वृद्धि दर को लेकर कहा कि इस साल 2.8 प्रतिशत और 2024 में तीन प्रतिशत रहेगी. साथ ही मुद्रास्फीति भी 2022 के 8.7 प्रतिशत से घटकर इस साल सात प्रतिशत और 2024 में 4.9 प्रतिशत रह सकती है.