Illegal Loan Apps: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऋण ऐप पर शिकंजा कस दिया है। दरअसल बिना पंजीकरण के अवैध तरीके से काम कर रहे ऋण ऐप से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है। आपको बता दे कि उन्होंने डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के बीच जांच करने के लिए कई उपायों को लागू करने का फैसला भी किया। ज्यादातर डिजिटल ऐप केंद्रीय बैंक के साथ पंजीकृत नहीं हैं और स्वयंभू रूप से संचालित होते हैं। डिजिटल ऋण ऐप के कुछ परिचालकों के उत्पीड़न के कारण आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं।
वित्त मंत्री ने इन गैरकानूनी एप्स द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स की चोरी, डेटा के उल्लंघन, गोपनीयता, और अनियमित भुगतान एग्रीगेटर्स, शेल कंपनियों, निष्क्रिय एनबीएफसी के दुरुपयोग की संभावना भी आशंका जाहिर की है। इस बैठक में इन लोन एम्स से जुड़े कानूनी, टेक्निकल पहलुओं को लेकर चर्चा की गई है और कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। जिसमें आरबीआई ऐसे सभी कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त Apps का व्हाइटलिस्ट तैयार करेगा और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ये सुनिश्चित करेगा कि केवल व्हाइटलिस्ट एप को एप स्टोर पर होस्ट किया जाए।
आपको बता दे कि आरबीआई ऐसे किराये वाले अकाउंट की मॉनिटरिंग करेगा जिसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा सकता है। आरबीआई तय अवधि में पेमेंट एग्रीगेटर्स का रजिस्ट्रेशन करेगा जिसके बाद किसी भी अनरजिस्टर्ड पेमेंट एग्रीगेटर्स को ऑपरेट नहीं करने दिया जाएगा।
मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि ग्राहकों, बैंक कर्मचारियों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य हितधारकों के लिए साइबर जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। बैठक में वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव, बैंकिंग सचिव के साथ-साथ कॉर्पोरेट मामलों और आईटी जैसे मंत्रालयों के सचिवों ने भाग लिया।
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