Inflation:
नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने सोमवार को महंगाई में वृद्धि का कारण बताते हुए कहा की ये प्रतिकूल तुलनात्मक आधार के अलावा खाद्य वस्तुओं और ईंधन के दाम में आई तेजी से बढ़ रही है। मंत्रालय ने ये भरोसा दिलाया कि महंगाई को कम करने के लिए उठाए गए कदमों का आने वाले महीनों में असर दिखाई देगा।
मंत्रालय ने बताया कि अगस्त में प्रमुख महंगाई 5.9 फीसदी रही, जो चौथे महीने लगातार आरबीआई (RBI) के अधिकतम संतोषजनक स्तर 6 फीसदी से नीचे है। प्रमुख महंगाई में खाद्य और ऊर्जा उत्पादों कि किमत शामिल नहीं होती है। मंत्रालय ने एक ट्वीट करते हुए कहा, सरकार ने घरेलू आपूर्ति बनाए रखने और कीमतों में आई तेजी पर काबू पाने के लिए गेहूं आटा, चावल मैदा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन उपायों को करने के बाद आने वाले महीनों में सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकार घाटे की भरपाई करने के लिए तेल कंपनियों को 200 अरब रुपये की मदद कर सकती है। ऐसा करने से आगे रसोई गैस और तेल के दामों में कमी देखने को मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार, पेट्रोलियम मंत्रालय 280 अरब रुपये के मुआवजे पर विचार कर रहा है। लेकिन, वित्त मंत्रालय सिर्फ 200 अरब रुपये के लिए ही राजी हुआ है। इसके संबंध में अंतिम फैसला कुछ समय के बाद लिया जाएगा। तीन बड़ी सरकारी कंपनियों का देश के तेल बाजार पर 90 फीसदी कब्जा है।
इन कंपनियों को जून तिमाही में 40 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा सहना पड़ा था। इसमें सितंबर तिमाही में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है क्योंकि कच्चे तेल में गिरावट आई है। तेल कंपनियों को घाटा होने का कारण ये भी है कि महंगाई रोकने के लिए अप्रैल से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई थी। मार्च में सरकार ने समाप्त वित्त वर्ष के लिए तेल पर 58 अरब रुपये सब्सिडी तय की थी।
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