RBI:
नई दिल्ली: भारत में आज लगभग हर व्यक्ति यूपीआई से भुगतान करता है। यूपीआई ने डिजिटल रूप से पैसों के लेन-देन को आसान बनाने के साथ-साथ यह कई मामलों में लोगों के लिए व्यापार के शानदार अवसर भी मुहैया करा रहा है। देश में अब तक यूपीआई से भुगतान करने पर कोई चार्ज नहीं लगता है। लेकिन अब रिजर्व बैंक यूपीआई से भुगतान करने पर चार्ज लगाने के संकेत दे रहा है।
देश के केंद्रीय बैंक ने इसके बारे में एक डिस्कशन पेपर जारी किया है। रिजर्व बैंक ने इस डिस्कशन पेपर पर आम जनता से उनकी राय मांगी है। इस डिस्कशन पेपर में यूपीआई से भुगतान करने पर चार्जेज वसूलने की भी बात शामिल है। ऐसे में इस बात के आसार कि आने वाले समय में यूपीआई से भुगतान करने पर हमें चार्जेस देना पड़ सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक देश में भुगतान कि प्रक्रिया के डेवलपमेंट और भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई बुनियादी संरचनाओं की लागत वसूल करने की तैयारी में है। आरबीआई के जारी किए हुए डिस्कशन पेपर में कहा गया है कि यूपीआई भी आईएमपीएस के जैसे ही एक फंड ट्रांसफर सिस्टम है। इसलिए इस पर भी आईएमपीएस की तरह ही चार्जेज लगने चाहिए। डिस्कशन पेपर में यह बात भी शामिल है कि अलग-अलग राशि के लिए अलग-अलग चार्जेज निर्धारित किए जाने की संभावना है।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने यूपीआई के साथ ही डेबिट कार्ड से लेन-देन, आरटीजीएस, एनईएफटी आदि सेवाओं पर चार्जेज लगाने पर भी लोगों से उनकी राय मांगी है। आरबीआई ने कहा कि डेबिट कार्ड पेमेंट सिस्टम, आरटीजीएस पेमेंट सिस्टम और एनईएफटी पेमेंट सिस्टम से भुगतान करने पर चार्ज लगाना अतार्किक बात नहीं है क्योंकि इन सेवाओं को सुनिश्चित करने हेतू एक बुनियादी संरचना तैयार की गई है जिस पर बड़ा निवेश हुआ है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि केंद्रीय बैंक इन सेवाओं के बदले अब पैसे कमाने के बारें में सोच रहा है।
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