India News(इंडिया न्यूज़), Crime: दिल्ली में हर एक दिन क्राइम की खबर देखने को मिलता है। दिल्ली में कुत्तों का आतंक बढ़ने लगा है। आए दिन कुत्तों से लोग मर जाते है। आज भी दिल्ली से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसको पढ़कर आपका दिल देहल जाएगा। आइए जानते है कि ये घटना कहां से है और क्या हुआ है।
तुगलक रोड इलाके में एक साल की बच्ची की तीन-चार लावारिस कुत्तों ने जान से मार डाला। बता दे कि जब तक लोग उसे बचा पाते तब तक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो चुकी थी। परिजन उसे नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच कर रही है। लड़की की पहचान दिव्यांशी के रूप में हुई है।
मृतक 1 साल की लड़की दिव्यांशी अपने परिवार के साथ तुगलक लेन के चमन घाट इलाके में रहती थी। उसके पिता राहुल कपड़े इस्त्री करने का काम करते हैं। परिचित विवेक कुमार ने बताया कि किस इलाके में कितने कुत्ते रहते हैं। एक महिला खाना देती है। राहुल रात में कुत्ते के घर के आसपास घूम रहा था। रात को परिवार डिनर के लिए बाहर गया था। उन्होंने लड़की को नहीं देखा। काफी खोजबीन के बाद बच्ची अपने घर से कुछ दूरी पर खून से लथपथ पड़ी मिली। तीन कुत्ते उसके शव को नोंच रहे थे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि फैक्ट्री के पास डीजे बज रहा था। इतने शोर के बीच किसी ने लड़की की चीख नहीं सुनी। घटना के बाद वहां काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई। इसी बीच किसी ने घटना की जानकारी पुलिस को दे दी। पुलिस मामले की जांच में जुट गई। लड़की को सफदरजंग अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना से इलाके में काफी आक्रोश है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल ने लावारिस कुत्तों के काटने की समस्या पर एक वेबसाइट www.dogproblem.in बनाई थी। यह एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए पीड़ित इस अभियान से जुड़ेंगे। वेबसाइट एक सार्वजनिक मंच होगा जो लावारिस कुत्तों के संबंध बारे में जागरूकता बढ़ाएगी, आपके सामने आने वाली समस्याओं की समझ प्रदान करेगी और समाधान पेश करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
आरडब्ल्यूए इस मुद्दे पर एकजुट होंगे। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के खिलाफ वेबसाइट की लॉन्चिंग के दौरान विजय गोयल ने कहा कि लावारिस कुत्तों की जनसंख्या समस्या के समाधान के लिए दिल्ली के देशव्यापी मुहिम की जरूरत है। समस्या कुत्तों से नहीं, बल्कि उनके बहुमत और काटने की संख्या से है, जो लाखों में है। एक अनुमान के मुताबिक, देश में हर साल 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को कुत्ते काटते हैं और उनकी मौत हो जाती है।