India News(इंडिया न्यूज़) Delhi Car Accident: दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके की जिस लालबत्ती पर भीषण सड़क हादसा देखने को मिला। इस हादसे में अमरदीप कौर की दर्दनाक मौत हो गई। इस इलाके में पुलिस की लापरवाही जैसे बढ़ती ही जा रही हैं और आए दिन कोई न कोई बड़ा हादसा होते हुए दिख ही जाती हैं। जानकारी के मुताबिक रिंग रोड पर बनी लालबत्ती पर ट्रक गलत लेन में डिवाइडर के पास दाईं तरफ खड़ी थी और यह भीषण हादसा घट गया जिसमें अमरदीप कौर की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
पुलिस पर उठे सवाल
कार चालक हरमिंदर ने उसी ट्रक के पीछे अपनी कार खड़ा किया था। उसके पीछे से टक्कर मारने वाला ट्रक गलत लेन में तेज रफ्तार में आया और कार को टक्कर मार दिया। आरोपित ट्रक चालक ने ट्रक को पीछे किया, लेकिन तब तक ट्रक चालक वहां से ट्रक छोड़कर फरार हो गया था। इस हादसा के होते ही नजदीकी पुलिस को जानकारी दिया गया और पुलिस मौके पर पहुंच गई, लोकिन लोगों ने पुलिस पर सवाल खड़ा कर दिया और कहा कि कब तक एैसी घटना घटते ही रहेगी।
अमनदीप ने दी जानकारी
हादसे के तुरंत बाद लोगों ने हरमिंदर और पुष्पा को कार से बाहर निकाला। बताया जा रहा हैं कि कार से बाहर निकालते वक्त दोनों होश में थे। हरमिंदर ने कॉल कर अपने भाईयों को इसकी सूचना दी, लेकिन उनके भाई राजस्थान खाटूश्याम गए हुए थे। तब उन्होंने अपने पड़ोसी जितेंद्र मदान को तुरंत मौके पर पहुंचने के लिए कहा। जितेंद्र मौके पर पहुंचे तो हालात देखकर उनके रोंगटे खड़े हो गए। दोनों बहुत बुड़ी तरह से फस गए थे फिर दोनों को एक बस की मदद से रस्से से खींचकर बाहर निकाला गया। घटना के तुरंत बाद अमनदीप और बंटी को अस्पताल पहुंचाया गया तो वहीं पुष्पा और हरमिंदर को पहले ही अस्पताल पहुंचाया जा चुका था। अमनदीप के सिर में गंभीर चोट ग लग गई थीं, उसका जबाड़ा भी टूट गया था।
इकलौती बेटी का हुआ दर्दनाक मौत
अमरदीप कौर इकलौती बेटी थी जिसके कारण परिवार और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। जानकारी के अनुसार अमरदीप कौर के लिए रिश्ता भी ढूंढा जा रहा था। कल यानी सोमवार को परिवार ने निरंकारी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार कर दिया। एक परिजन ने बताया कि बंटी गुरुग्राम में आईटी कंपनी में नौकरी करता है। अक्सर छुट्टी वाले दिन वह अपनी मौसी पुष्पा के घर आ जाता था। स्वजन ने बताया कि अमनदीप गुरुद्वारा मत्था टेकने और सेवा करने जाती थी।
रविवार को भी चलने की जिद करने लगी, लेकिन सभी ने कहा कि सोमवार को चली जाना लेकिन अमनदीप नहीं किसी की नहीं सुनी और मानी और बंटी के साथ निकल गई।