इंडिया न्यूज,नई दिल्ली ।
15 Lakh Fined for Parking Vehicle in Metro Valid Parking : कोरोना काल के दौरान पति की मृत्यू होने पर उनके अंतिम संस्कार के रीति रिवाजों को पूरा करने के चलते मेट्रों वैध पार्किंग में वाहन खड़ा करने की वजह से 15 लाख जुर्माना लगा दिया । इस बारे दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की कार्रवाई पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। मृतक की पत्नी की याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने जब्त वाहन पर 15 लाख रुपये जुमार्ना लगाने के एसडीएमसी के आदेश को निराधार बताया। तत्काल वाहन छोड़ने का निर्देश देते हुए पीठ ने कहा कि एसडीएमसी ने पार्किग स्थल के निशुल्क न होने और आगे से शुल्क लगाए जाने के संबंध में न तो कोई नोटिस चस्पा किया और न ही इस संबंध में याचिकाकर्ता को कोई सूचना दी।
पीठ ने कहा कि वाहन को पार्किग से हटाने के छह दिनों बाद ही याचिकाकर्ता ने इसे छोड़ने के संबंध में अनुरोध किया था, लेकिन एसडीएमसी ने ऐसा नहीं किया। जहां तक 15 लाख रुपये जुर्माना लगाने का सवाल है, यह कार्रवाई 28 अगस्त 2018 के आदेश के अनुसार की गई थी। हालांकि इस आदेश को चुनौती देने वाली राहुल कुमार बनाम पूर्वी दिल्ली नगर निगम की याचिका पर हाई कोर्ट ने 26 जुलाई 2021 को फैसला दिया था।
आदेश को स्पष्ट करते हुए अदालत ने माना था कि उक्त परिपत्र केवल तभी लागू होगा, जब विभिन्न अवैध निवासियों, फेरीवालों व दुकानदारों द्वारा नगर निगम की भूमि पर अतिक्रमण किया जाता है। यह आदेश सार्वजनिक सड़क या संबंधित नगर पालिका की भूमि पर वाहन की अवैध पार्किग पर लागू नहीं होगा।
हालांकि इस फैसले को दो सदस्यीय पीठ के समक्ष चुनौती दी गई थी और इस पर फैसला अभी लंबित है। पीठ ने फिटनेस समाप्त होने के कारण वाहन नहीं छोड़ने की एसडीएमसी की दलील को भी खारिज कर दिया।
कोरोना काल में लाकडाउन के कारण समाप्त हो रहे फिटनेस प्रमाण पत्रों की वैधता दिल्ली सरकार ने अधिसूचना जारी करके बढ़ा दी थी। पीठ ने कहा कि नगर निगम की भूमि और अवैध पार्किग पर शुल्क लगाने या आपत्ति करने से जुड़ा ऐसा कोई परिपत्र एसडीएमसी पेश नहीं कर सका। न ही वाहन हटाने के संबंध में याचिकाकर्ता को कोई नोटिस ही जारी किया गया।
याचिकाकर्ता सुनीता भल्ला ने याचिका दायर करके कहा कि उनके पति अश्विनी कुमार भल्ला की 24 जुलाई 2021 को मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार के रीत-रिवाजों को पूरा करने के लिए वाहन को द्वारका सेक्टर-14 स्थित मेट्रो स्टेशन की वैध पार्किग में खड़ा करके वह छत्तीसगढ़ स्थित अपने पैतृक स्थान गई थीं। जब वह वापस आई तो उन्हें पता चला कि वाहन को पार्किग से हटा दिया गया है। 14 अक्टूबर को जब वह अधिकारियों से मिलीं तो उन्होंने 15 लाख जुर्माना भरने पर वाहन छोड़ने की बात कही।
एसडीएमसी ने दलील दी कि वह वैध पार्किग थी, लेकिन चार अक्टूबर 2020 को ठेकेदार द्वारा घाटा होने पर पार्किग को छोड़ने के बाद से 30 सितंबर 2021 तक पार्किग निश्शुल्क थी। एक अक्टूबर 2021 से पार्किग को एसडीएमसी ने संचालित करना शुरू कर दिया। एसडीएमसी ने यह भी दलील दी कि सार्वजनिक स्थान से लावारिस वाहन को हटाने से जुड़े दिल्ली सरकार के 25 सितंबर 2019 के आदेश के अनुपालन में यह कार्रवाई की गई थी।
15 Lakh Fined for Parking Vehicle in Metro Valid Parking
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