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सरकारी फर्जी ई-मेल से नौकरी का लेटर भेज ठगे 7.30 लाख रुपये

• LAST UPDATED : June 6, 2022

इंडिया न्यूज, गुरुग्राम। हरियाणा पुलिस में नौकरी लगाने के नाम पर एक युवक से 7.30 लाख रुपये की ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। युवक को नौकरी लगने का विश्वास हो जाए, इसके लिए ठगों ने सरकार की एक फर्जी ई-मेल बनाई और उससे युवक के चयन होने का पत्र भेजा। पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से 40 हजार रुपये जब्त किए हैं।

एनआईसी की फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर की ठगी

मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में गुरुग्राम निवासी युवक आशीष को एनआईसी की एक फर्जी ई-मेल आईडी बनाकर हरियाणा पुलिस में नौकरी लगवाने की बात ठगों ने कही। आशीष उनकी बातों में आ गया। तब ठगों ने आशीष से 7.30 लाख रुपये ले लिए। इसकी शिकायत पीड़ित ने वर्ष 2021 में गुरुग्राम साइबर क्राइम पुलिस थाना में की। शिकायत दर्ज करके साइबर क्राइम पुलिस ने इसकी जांच शुरू की तो लंबे समय के बाद मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। एसीपी अपराध शाखा गुरुग्राम इंदीवर के अनुसार पुलिस ने इस ठगी को अंजाम देने वाले तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज वर्ष 2021 में किया था।

अभी भी दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त से है बाहर

जिसमें एक मुख्य आरोपी सुधीर चौहान है। जो रेवाड़ी जिला के मायण गांव का निवासी है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन अभी भी उसके दो साथी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। जिन्होंने इस ठगी में मुख्य भूमिका निभाई है। इन्होंने एचएसएससी की फर्जी मेल भेजकर शिकायतकर्ता के साथ ठगी की है। एसीपी अपराध शाखा इंदीवर का कहना है कि बहुत जल्द अन्य दो अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

बीटेक कंप्यूटर का छात्र रहा है आरोपी सुधीर

31 वर्षीय आरोपी सुधीर चौहान बीटेक कंप्यूटर का छात्र रहा है। उसने पूछताछ में यह कबूल किया है कि उसका समाज में लोगों व नेताओं से अच्छे संबंध है। इसी का फायदा उठाकर वह लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये ठगने लगा। उसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर आॅनलाइन सरकारी डोमेन से व सरकारी ईमेल-आईडी से मिलती-जुलती एक ईमेल-आईडी बनाई।

शिकायतकर्ता को विश्वास दिलाने के लिए एक ईमेल भेजी कि उसका चयन हरियाणा पुलिस में करवा दिया गया है। जिसकी बदले इसने पीड़ित से 7.30 लाख रुपये ऐंठ लिए। इसी प्रकार से आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर काफी लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर चुका है। इन वारदातों को अंजाम देने के बाद वह खुद को पुलिस से छुपाने के लिए किसान आंदोलन में शामिल हो गया और कुंडली बॉर्डर पर रहकर पुलिस से छुपा रहा।

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