दिल्ली के गांवों और ग्रामीण इलाकों में विकास को बढ़ावा देने के लिए आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने इस परियोजना को हाथ में लिया है। इसके लिए दिल्ली सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 900 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। हालांकि, लोकसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के कारण काम की गति धीमी हो गई थी। अब, चूंकि एमसीसी हटा दी गई है, इसलिए दिल्ली सरकार अब इस परियोजना को हाथ में लेगी।
दिल्ली के विकास मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के सभी शहरी और ग्रामीण गांवों में अब काम में तेजी लाई जाएगी। इन गांवों के विकास के लिए अरविंद केजरीवाल ने पहली बार दिल्ली बजट में 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इन क्षेत्रों के विकास के लिए युद्धस्तर पर तैयारी की गयी है। विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और सिंचाई विभाग ग्रामीण विकास बोर्ड के साथ मिलकर काम करेंगे।
गोपाल राय ने कहा कि ग्रामीण विकास बोर्ड के समक्ष 1387 सुझाव रखे गय। आज, हमने सभी संबंधित एजेंसियों को 15 जून तक की समय सीमा निर्धारित करने का निर्देश दिया है। हमारे पास केवल अक्टूबर तक का समय है क्योंकि नवंबर से शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर की जांच करने के लिए जीआरएपी दिशानिर्देश लागू होंगे। जीआरएपी दिशानिर्देशों को हटाने के बाद, जनवरी 2025 में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर एमसीसी लागू हो जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, “हमारे पास बजट है इसलिए सभी एजेंसियों को समयसीमा तय करने के लिए कहा गया है। हम 19 जून को सभी विधायकों के साथ बैठक कर सुझावों की समीक्षा करेंगे।”
राय ने आगे कहा कि इसे लेकर सभी संबंधित विभाग 27 और 28 जून को दिल्ली सचिवालय में एक विशेष शिविर का आयोजन करेंगे और संबंधित अधिकारियों को कार्य आवंटित किया जाएगा। इसके तुरंत बाद विकास कार्य शुरू हो जाएंगे। ज्यादातर सुझाव दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में सड़कें बनाने को लेकर थे। इसके अलावा ग्राम पंचायत और चौपाल की स्थापना पर भी विचार किया गया।
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