India News (इंडिया न्यूज़) : अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग से जुड़ा दिल्ली सेवा बिल केंद्र सरकार सोमवार (7 अगस्त) को राज्यसभा में पेश किया है। बता दें, गृहमंत्री अमित शाह की ऊपरी सदन में इस बिल को पेश किया है। इस बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी हमला बोला है।
बता दें, दिल्ली विधेयक का लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी कांग्रेस पार्टी ने विरोध किया है। कांग्रेस पार्टी सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि’ दिल्ली सेवा बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है। साथ ही उन्होंने इस बिल को संविधान के भी खिलाफ बताया है। कांग्रेस की ओर से सदन में कहा गया कि ‘ दिल्ली में भय का महल बनाने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली अध्यादेश द्वारा केंद्र की ‘सुपर सीएम’ बनाने की कोशिश है। संविधान की आवाज को बचाना हमारा दायित्व है। इस बिल से अफसरों की नियुक्ति पर गृह मंत्रालय का अधिकार हो जायेगा। दिल्ली में नीतियां बनाना CM का अधिकार क्षेत्र है।
भाजपा का दृष्टिकोण किसी भी तरह से नियंत्रण करने का है…यह बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है, यह मौलिक रूप से अलोकतांत्रिक है, और यह दिल्ली के लोगों की क्षेत्रीय आवाज और आकांक्षाओं पर एक प्रत्यक्ष हमला है। यह संघवाद के सभी सिद्धांतों, सिविल सेवा जवाबदेही के सभी मानदंडों और… pic.twitter.com/Y0mUF93Flr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 7, 2023
राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि ‘भाजपा का दृष्टिकोण किसी भी तरह से नियंत्रण करने का है…यह बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है, यह मौलिक रूप से अलोकतांत्रिक है, और यह दिल्ली के लोगों की क्षेत्रीय आवाज और आकांक्षाओं पर एक प्रत्यक्ष हमला है। यह संघवाद के सभी सिद्धांतों, सिविल सेवा जवाबदेही के सभी मानदंडों और विधानसभा-आधारित लोकतंत्र के सभी मॉडलों का उल्लंघन करता है।