नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में स्थित एम्स अस्पताल इन दिनों एक योजना पर काम कर रहा है। जिसमें वह आसपास के 20 अस्पतालों के साथ रेफरल मैकेनिज्म पर काम करेगा। इस योजना के तहत एम्स अस्पताल आसपास के अस्पतालों के साथ मिलकर इस बात पर चर्चा करने वाला है कि जो मरीज एम्स में स्टेबल हो जाते हैं उन्हें बाकी की रिकवरी के लिए आसपास के अस्पतालों में रिफर किया जाए।
आपको बता दें कि 07 अक्टूबर को एम्स के नए डायरेक्टर डॉ. एम श्रीनिवास ने एक बैठक बुलाई थी। जिसमें इमरजेंसी मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड ने कहा कि इमरजेंसी मेडिसिन के बाहर लगी पेशेंट्स की लंबी लिस्ट का कारण बताया। उन्होनें आगे कहा जो पेशेंट्स पहले से इमरजेंसी विभाग में भर्ती हैं और जिनकी पहले ही स्क्रीनिंग हो चुकी है ऐसे पेशेंट्स बेडों पर होते हैं और दूसरे पेशेंट्स बाहर वेट करते हैं।
वहीं अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग और न्यूरोलॉजी विभाग ने ये जानकारी दी कि पांच इनपेशेंट बेड भी आपात स्थिति से कार्डियोलॉजी और न्यूरोलॉजी के रोगियों के प्रवेश के लिए निर्धारित किए जाएंगे। वहीं किसी भी मरीज को 48 घंटे से अधिकआपातकालीन ऑब्जर्वेशन या प्रवेश बेड में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वहीं इस बैठक के दौरान ये निर्णय भी लिया गया कि सभी व्यापक विशेषता वाले क्लिनिकल विभाग मासिक आधार पर एक रेजिडेंट डॉक्टर को इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में पोस्ट करेंगे ताकि मरीजों की स्क्रीनिंग, ट्राइएज और देखभाल समय से हो सकें। इससे इमरजेंसी में उपलब्ध रेजिडेंट डॉक्टरों के पूल को बढ़ावा मिलेगा।
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