India News Delhi (इंडिया न्यूज), AIIMS Hospital Delhi: दिल्ली पुलिस ने एक आदमी को गिरफ्तार किया है, जो खुद को लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी का एमडी बताकर इलाज करवा रहा था। इस आदमी को लावा के एमडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी माना गया है। उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय से स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिली थी।
एमडी हरिओम राय को पिछले साल अक्टूबर में वीवो-इंडिया के खिलाफ मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें फरवरी में दिल्ली हाई कोर्ट से तीन महीने की जमानत मिली थी। हाल ही में, राय ने अपनी चिकित्सा जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। उन्हें हृदय संबंधी समस्याओं का दावा किया गया था। कोर्ट ने उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हृदय संबंधी स्वास्थ्य परीक्षण का आदेश दिया था। रिपोर्ट को गुरुवार को समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
एक सूत्र ने बताया कि ED की एक टीम राय की मेडिकल जांच की निगरानी के काम से गुरुवार को एम्स हॉस्पिटल पहुंची थी। मगर MD दोपहर 1 बजे तक एम्स नहीं पहुंचे थे। इस दौरान ईडी ने उन्हें तीन ईमेल भेजे। उनके बेटे ने एम्स में इंतजार कर रहे ईडी अधिकारियों को बताया कि उसके पिता अस्वस्थ हैं और जितनी जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचेंगे।
सूत्र ने कहा कि शक होने पर ईडी अधिकारी और एम्स कर्मचारी कार्डियोलॉजी विभाग के ईसीएचओ लैब पहुंचे। वहां वे लोग यह देखकर हैरान रह गए कि कोर्ट द्वारा जारी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर राय के नाम पर एक अन्य व्यक्ति इलाज करवा रहा था। उस व्यक्ति की पहचान नवल किशोर राम के रूप में हुई। हालांकि शुरुआत में उसने बताया कि वह हरिओम राय है। मदर बाद में पूछने पर उन्होंने अपना असली नाम ED को बताया।
उस आदमी ने ईडी अधिकारियों को बताया कि उसे वसंत हेल्थ सेंटर के एक डॉक्टर ने निर्देश दिया था कि वह हाई कोर्ट का दस्तावेज और राय का मेडिकल रिकॉर्ड लेकर उनके नाम से इलाज करवाए। ईडी की शिकायत पर पुलिस ने नवल किशोर राम के साथ-साथ हरिओम राय, उनके बेटे प्रणय राय और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर राम और उसके भतीजे को हिरासत में ले लिया। ईडी अधिकारियों ने एफआईआर में पुलिस को बताया कि नवल किशोर राम को अपना नाम हरिओम राय बताने का निर्देश दिया गया था।
ईडी ने हरिओम राय, नवल किशोर राम और अन्य पर आपराधिक साजिश का आरोप लगाया है। नवल किशोर राम ने ईडी अधिकारियों को बताया कि उसने 8 मई को भी हरिओम राय के नाम पर इसी तरह की कराई थी। ईडी ने जांच में पाया कि हरिओम राय ने 5 मार्च को एक निजी डायग्नोस्टिक क्लिनिक में नवल किशोर राम का सीटी कोरोनरी एंजियोग्राम भी कराई थी और रिपोर्ट में खुद का नाम चढ़वाया था।
ED ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट को इस धोखाधड़ी के बारे में सूचित किया, जिसके बाद कोर्ट ने राय की जमानत बढ़ाने से इनकार कर दिया गया और उन्हें न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल भेज दिया गया।
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