Monday, July 1, 2024
HomeDelhiAIIMS: दिल्ली एम्स में आई नई तकनीक, इलाज होगा अब और आसान

AIIMS: दिल्ली एम्स में आई नई तकनीक, इलाज होगा अब और आसान

India News Delhi (इंडिया न्यूज़), AIIMS: तेजी से फैल रही बीमारियों के इलाज के लिए नई तकनीक पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। एमआरआई के क्षेत्र में अब तक 3 टेस्ला इकाइयों पर एमआरआई होती थी, लेकिन अब जल्द ही 7 टेस्ला इकाइयों पर भी एमआरआई संभव हो सकेगी। एम्स नई दिल्ली के न्यूरोसाइंस विभाग के प्रमुख डॉ. एस.बी.गायकवाड़ ने बताया कि देश में अपनी तरह की पहली अत्याधुनिक मशीन एम्स में आने वाली है। इसमें 7 टेस्ला यूनिट पर एमआरआई होगी। इससे एमआरआई से बीमारी की सटीक जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मशीन का इस्तेमाल रिसर्च के लिए किया जाता था, लेकिन अब जल्द ही इस मशीन का इस्तेमाल मरीजों के लिए भी किया जाएगा।

3 टेक्सला से 7 टेक्सला पर एमआरआई

आज अगर हम न्यूरोसाइंस की बात करें तो खासकर मस्तिष्क की जांच एमआरआई के बिना संभव नहीं है। क्लिनिकल इमेजिंग के लिए 1.5 टेस्ला इकाइयों वाली एक बुनियादी एमआरआई मशीन की आवश्यकता होती है। अगर इमेजिंग क्वालिटी की बात करें तो नतीजे 3 टेस्ला से बेहतर हैं। दो वर्षों में दोगुनी चुंबक शक्ति वाला 7 टेस्ला देखा गया। आमतौर पर 7 टेस्ला का इस्तेमाल रिसर्च के लिए किया जाता है। फिल्म 7 टेस्ला से बेहतर रेजोल्यूशन के साथ आती है ताकि बीमारी की बारीकियों को समझा जा सके।

7 टेक्साला कितना मायने रखता है?

डॉ. गायकवाड़ ने कहा कि किसी भी बीमारी में छोटा सा बदलाव भी बहुत मायने रखता है। ऐसे में 7 टेक्सला बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि अगर मिर्गी की बात करें तो थोड़ा सा बदलाव मरीज की किस्मत बदल सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के मस्तिष्क को समझने के लिए यह बहुत जरूरी है। वर्तमान में, यह संभव है कि 7 टेस्ला एमआरआई में एमआरआई करने में लगने वाले समय से अधिक समय लग सकता है, लेकिन अगर नतीजों की बात करें तो यह काफी बेहतर होगा।

ये भी पढ़े: Excise Policy Case: CM केजरीवाल के वकील ने मांगी राहत तो ED ने कह…

7 इन बीमारियों के लिए वरदान है टेस्ला

डॉ. गायकवाड़ ने बताया कि 7 टेस्ला सूक्ष्म प्रक्रिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्ट्रोक रोग के बारे में बात करते हुए, हम कभी-कभी पोत की दीवार का आयाम 7 टेस्ला पा सकते हैं। ब्रेन ट्यूमर की बात करें तो यह ट्यूमर के अध्ययन में काफी मददगार साबित होगा। इसके साथ ही अगर क्रिप्टिक अटैक की बात करें तो 7 टेस्ला की रिपोर्ट भी काफी अहम है। अगर हम मस्तिष्क के अलावा रीढ़ की हड्डी के विकारों की बात करें तो परिणाम रोगी के इलाज में बहुत मददगार साबित होंगे। डॉ. गायकवाड़ ने कहा कि यह तकनीक काफी सुरक्षित है और मरीजों पर इसका कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है।

आपको कैसे पता चला कि टेस्ला 7 बेहतर है?

डॉ. गायकवाड ने बताया कि मिर्गी के मरीज की एमआरआई 1.5 टेस्ला और 3 टेस्ला पर की गई। इसके साथ ही 7 टेस्ला में उसी मरीज की एमआरआई भी की गई। तीनों के नतीजे एक दूसरे से काफी अलग थे। 7 टेस्ला पर मिर्गी की बीमारी को समझने के अवसर ने अधिकांश रोगियों को राहत प्रदान की है। अमेरिकी एजेंसी FDA ने 7 टेक्सला के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है।

ये भी पढ़े: Cancer: तेजी से बढ़ रहा है सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा, ऐसे…

SHARE
- Advertisement -
Nidhi Jha
Nidhi Jha
Journalist, India News, ITV network.
RELATED ARTICLES

Most Popular