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एम्स: बढ़ेगी मोटापे की सर्जरी, तय होंगे बेड

• LAST UPDATED : August 5, 2023

India News (इंइिया न्यूज), दिल्लीः मोटापा (Obesity), जिसे मेदुरता नाम से भी जाना जाता है। मेदुरता शरीर में अत्यधिक वसा के कारण होने वाला विकार, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है। मोटापा से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर सहित कई घातक बीमारियों का कारक बन रहा है । इन बीमारियों से बचाव के लिए मोटापा कम करना जरूरी माना जाता है। इसके लिए बेरियाट्रिक सर्जरी का चलन भी बढ़ रहा है। एम्स में भी बड़ी संख्या में मरीज मोटापे की सर्जरी के लिए पहुंच रहे हैं। इसके मद्देनजर एम्स प्रशासन ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को सर्जरी ब्लाक के जनरल वार्ड और प्राइवेट वार्ड में 15 दिन में बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए बेड तय करने और सुविधाएं बढ़ाने का आदेश दिया है। जल्द ही बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए बेड तय किए जाएंगे। इससे एम्स में मोटापे की सर्जरी बढ़ने की उम्मीद है।

लगातार बढ़ रहे, एम्स में मोटापे की सर्जरी के मरीज

एम्स का जनरल सर्जरी विभाग लगभग 15 वर्षों से बेरियाट्रिक की सुविधा उपलब्ध करा रहा है। एम्स में अब तक लगभग 1,300 मरीज मोटापे की सर्जरी करा चुके हैं, लेकिन अभी तक मोटापे की सर्जरी कराने वाले मरीजों के लिए जनरल वार्ड और प्राइवेट वार्ड में अलग बेड नहीं है। इस वजह से अभी ज्यादा सर्जरी नहीं हो पाती और बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए दो माह की वेटिंग भी चल रही है। इसके अलावा घुटने की बीमारी, पालीसिस्टिक ओवरी डिजीज से पीड़ित महिलाएं और इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे लोग भी मोटापे की सर्जरी के लिए अधिक पहुंचते हैं। लेकिन बेरियाट्रिक सर्जरी के लिए बेड तय न होने पर भी अभी प्रतिमाह 12 से 15 मरीजों की यह सर्जरी हो रही है।

बदलते बीएमआइ का स्वास्थ्य पर पड़ता प्रभाव

जनरल सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डा. संदीप अग्रवाल ने सुझाया कि पहले बीएमआइ 35 या उससे ज्यादा होने पर ही मोटापे की सर्जरी का प्रावधान था, लेकिन एक वर्ष पहले इसके दिशा-निर्देश में बदलाव किया गया । मधुमेह या कोई अन्य बीमारी होने पर बीएमआइ 30 होने पर मोटापे की सर्जरी का प्रावधान हो गया है। इस वजह से डायबिटीज टाइप-2 से पीड़ित काफी मरीज यह सर्जरी कराने लगे हैं।

बीएमआई क्या है?

बीएमआई (BMI) का मतलब बॉडी मास इंडेक्स है। एक ऐसा फॉर्मूला है जि‍सका इस्‍तेमाल वजन कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। इसका एक फॉर्मूला होता है जिसमें आप वजन और हाइट को गुना करके ये पता लगाते हैं कि आपका वजन कितना कम है या ज्‍यादा। अगर आप मोटापे से जूझ रहे हैं तो सबसे पहले अपना बीएमआई चेक करें फिर मोटापा घटाने के बारे में सोचें।

कैसे चेक करें बीएमआई?

आप वज़न और लम्बाई का इस्तेमाल करके अपने बीएमआई (BMI) का पता लगा सकते हैं। बीएमआई कैल्कुलेशन के लिए किसी व्यक्ति का वजन और उसकी ऊंचाई या हाइट के नम्बर्स का अनुपात निकाला जाता है। ऐसे देखें आप मोटे हैं या नहीं-
BMI = kg/m2
18.5 से कम – कम वजन
18.5 से 24.9 के बीच – स्वस्थ वज़न
25 से 29.9 के बीच – अधिक वज़न
30 से अधिक – मोटापा
अगर 30 से ज्यादा बीएमआई हो तो तुरंत वजन कंट्रोल करने के बारे में प्लानिंग करना शुरू कर दें वरना आप ऊपर बताई गई समस्याओं के शिकार हो सकते हैं।

मोटापा बन रहा बीमारियों का घर

डा. संदीप अग्रवाल ने कहा कि मोटापा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्टअटैक, गठिया, नान अल्कोहोलिक फैटी लिवर, पालीसिस्टिक ओवरी डिजीज, 13 तरह के कैंसर सहित कई अन्य बीमारियों का कारण बनता है। मोटापे की सर्जरी कराने से 40 से 45 किलो तक वजन कम हो जाता है। इससे जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। विभिन्न शोधों में यह बात साबित हुई है कि बेरियाट्रिक सर्जरी के बाद मोटापा कम होने से डायबिटीज व फैटी लिवर की समस्या भी कम हो जाती है। कई मरीजों की यह बीमारियां ठीक भी हो जाती हैं। ऐसे में सिरोसिस और कैंसर से भी बचाव संभव हो पाता है।

मोटापा कम करने का आसान उपाय

नींबू-शहद का सेवन
अपने सुबह की शुरुआत गुनगुने पानी से करें। इसको और ज्यादा असरदार बनाने के लिए आप इसमें नींबू-शहद मिलाकर पिएं। लगातार कुछ महीनों तक इसके इस्तेमाल से आपको इसका असर नजर आने लगेगा। नींबू-शहद मिले पानी से पाचन भी दुरुस्त रहता है। इसके अलावा यह ड्रिंक बॉडी को डिटॉक्स करने में भी फायदेमंद है।

दुनिया भर में फैली इस भयावह बीमारी को खत्म करने और इसके कारगर समाधानों को बढ़ावा देने के मकसद से पूरी दुनिया 4 मार्च को (World Obesity Day) यानि विश्व मोटापा दिवस मनाती है।

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