India News(इंडिया न्यूज़), Air Quality Index: मौसम में बदलाव के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता तेजी से बिगड़ रही है (दिल्ली एनसीआर प्रदूषण समाचार)। इन दिनों दिल्ली को जहरीली हवाओं का गैस चैंबर (दिल्ली एनसीआर प्रदूषण समाचार) कहना गलत नहीं होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (दिल्ली एनसीआर प्रदूषण स्तर) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
गुरुवार शाम तक इसका वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया था। एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के मुताबिक खराब हवा से राहत मिलने की संभावना बहुत कम है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, कल यानी 2 नवंबर 2023 को दिल्ली एनसीआर का AQI 481 देखा गया है। ऐसे में लोगों खासकर छात्रों के मन में सवाल उठता है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है ? वायु गुणवत्ता कैसे मापी जाती है?
AQI को वायु गुणवत्ता सूचकांक कहा जाता है। इसका उपयोग वायु गुणवत्ता मापने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि इसके आधार पर यह पता लगाया जाता है कि हवा कितनी साफ है और सांस लेने लायक है या नहीं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एयर क्वालिटी इंडेक्स को कुल 8 प्रदूषक तत्वों में बांटा गया है, जिसमें पार्टिकुलेट मैटर भी शामिल है। (PM10), पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), कार्बन मोनोऑक्साइड, ओजोन (O3), अमोनिया (NH3) और सीसा राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानकों से अधिक नहीं होना चाहिए।
वायु गुणवत्ता सूचकांक का उपयोग वायु गुणवत्ता मापने के लिए किया जाता है। इसके लिए सरकार AQI मापने के लिए एक मीटर का इस्तेमाल करती है। AQI एक थर्मामीटर की तरह काम करता है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक को स्तर और रीडिंग के अनुसार कई श्रेणियों में बांटा गया है। 0-50 का मतलब है हवा शुद्ध है। 51-100 का मतलब है कि हवा की शुद्धता संतोषजनक है। 101 से 200 का मतलब है कि AQI लेवल मध्यम है। जबकि 201-300 के बीच स्थिति खराब मानी जाती है। जबकि 301 से 400 के बीच AQI को बहुत खराब माना जाता है। अगर AQI 410 से 500 तक पहुंच जाए तो स्थिति बेहद गंभीर मानी जाती है।
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