नई दिल्ली: दिल्ली में आज निजी स्कूल कैब चालक हड़ताल पर हैं। कैब चालकों की मांग है कि निजी स्कूल कैब को वाणिज्यिक वाहनों का परमिट प्रदान किया जाए। एक कैब ड्राइवर ने कहा है की, हमने दिल्ली सरकार से निवेदन किया था की वह हमारा समर्थन करें लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गई। कोरोना काल में भी हमे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था। वहीं, एक परिजन ने कहा है की, हमें कैब ड्राइवरों से संवाद करने में परेशानी हो रही है। कैब ड्राइवर आज हड़ताल पर हैं, उन पर हजारों रुपये का चालान है।
स्कूल कैब ट्रांसपोर्ट एकता यूनियन के अध्यक्ष रामटहल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि निजी कैब चालकों को स्कूल कैब में बदलने के लिए सरकार ने अब तक कोई भी विकल्प नहीं दिया। निजी स्कूली कैब को वाणिज्यिक वाहनों में तब्दील करने के लिए परमिट देने की प्रक्रिया अभी तक नहीं शुरू हुई है। रामटहल ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया बनने से पहले इस प्रकार की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
इस हड़ताल में एक दिन के लिए कोई भी स्कूल कैब नहीं चलेगी। अगर एक पीली प्लेट लगने से र कैब वैध हो जाती है तो इसके लिए सरकार विकल्प दे। हालांकि सरकार ने पहले पुरानी निजी कैब को परमिट देने की घोषणा भी की थी। सोमवार को अगर इस विषय पर सरकार ने कुछ नहीं किया तो आंदोलन की रणनीति तय होगी।
ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा है कि निजी कैब चालकों पर लगातार कार्रवाई होने से मुश्किलें बेहद बढ़ गई हैं। किशन वर्मा ने बताया कि हड़ताल होने की वजह से 4 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को स्कूल पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस हड़ताल से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।
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