India News (इंडिया न्यूज़), नई दिल्ली। वर्तमान में भारत को दीमक की तरह खोखला करने वाली एक व्यवस्था पैदा हो रही है जो आज चरम सीमा पर हावी है। संस्था सरकारी हो या गैर सरकारी दोनों ही जगहों पर कुछ कर्मचारी निजी स्वार्थ और लालच की मंशा से विभाग व संस्था को दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं। ऐसा ही मामला दिल्ली में देखने को मिला। जहाँ पिछले दस साल में 185 अधिकारियों को भ्रष्टाचार (Allegations of Corruption) के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। एक आरटीआई आवेदन से यह जानकारी मिली है। जो 2014 से मई 2023 के बीच दिल्ली में हर साल कम से कम दर्जन भर अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकतर आरोपी ऐसे थे, जो कि सार्वजनिक व्यवहार वाले विभागों जैसे कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और राजस्व, में तैनात थे। रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम लगाने में सक्रिय दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने दिल्ली जल बोर्ड में सबसे ज्यादा, शिक्षा, दिल्ली परिवहन, लोक निर्माण विभाग और दिल्ली नगर निगम के अधिकारी व कर्मचारियों को रिश्वत के आरोप में सबसे ज्यादा गिरफ्तार किया गया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता जीशान हैदर की मांगी जानकारी पर शाखा ने जानकारी दी है कि साल 2014 में दिल्ली जल बोर्ड के एक, 2015 में दस, 2018 में तीन, 2019 में दस, 2020 में चार, 2021 में एक, 2022 में दो और मई तक 2023 में निजी व्यक्ति सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, यानि कुल मिला कर दस सालों में 35 से अधिक अधिकारी सिर्फ दिल्ली जल बोर्ड के ही गिरफ्तार हुए।
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