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दिल्ली एयरपोर्ट को मिली एक और सौगात, एक्सप्रेस लाइन से टर्मिनल-2 की दूरी होगी कम- बनेगा सब-वे टनल, खाका तैयार

• LAST UPDATED : August 20, 2023

India News (इंडिया न्यूज), New Delhi: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल टर्मिनल (आइजीआइ) एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 से एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन को जोड़ने के लिए एक सब-वे टनल का निर्माण किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो ने इसकी योजना तैयार कर ली है। इस योजना पर 26 करोड़ की लागत आएगी। शीर्घ ही इस योजना का टेंडर जारी किया जाएगा। इस सब-वे टनल के बनने से टर्मिनल-2 के यात्रियों को एक्सप्रेस लाइन आने के लिए अब से टर्मिनल-3 का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।

आपको बता दें, यात्रियों को विमान से टर्मिनल-2 पर उतरने के बाद आगे से सीधे मेट्रो स्टेशन का रुख कर सकेंगे। अभी केवल आइजीआइ एयरपोर्ट के तीन टर्मिनलों में टर्मिनल-3 व टर्मिनल-1 ही मेट्रो सेवा से सीधे जुड़े हैं। टर्मिनल-3 दिल्ली मेट्रो की एक्सप्रेस लाइन से तो टर्मिनल-1 मेजेंटा लाइन से सीधे जुड़ी है। अभी तक जिन यात्रियों को टर्मिनल-2 जाना होता है। वे अभी एक्सप्रेस लाइन से टर्मिनल-3 पर उतरते हैं, फिर सवा किमी की दूरी तय करके टर्मिनल-1 पहुंचते हैं।

 

डेढ़ किमी का अंतर है टर्मिनल-3 और टर्मिनल-2 के बीच

यात्रियों को टर्मिनल-2 पर जाने के लिए टर्मिनल-3 के मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलना पड़ता है। टर्मिनल-3 व 2 के बीच डेढ़ किमी का अंतर है, लेकिन सब-वे टनल का सबसे बड़ा फायदा होगा कि इसके बनने के बाद टर्मिनल-3 के मेट्रो स्टेशन व टर्मिनल-2 के बीच की दूरी घटकर आधी रह जाएगी। अभी टर्मिनल-2 जाने के लिए कई यात्री एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन का उपयोग इसलिए नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें सवा किमी की दूरी तय करनी होती है, लेकिन जब यह दूरी घटकर आधी हो जाएगी, तब शायद कई यात्री मेट्रो का उपयोग करने को रूचिकर होंगे। मानक आंकडा के अनुसार, एयरपोर्ट के एक अधिकारी कहते हैं कि हम उम्मीद करते हैं कि शुरुआत में प्रतिदिन पांच हजार यात्री इस सब-वे का उपयोग करेंगे। ऐसा कयाश लगाया गया जा रहा है कि समय के साथ यह संख्या निश्चित तौर पर बढ़ेगी। निर्माण में कम से कम समय और जगह का उचित उपयोग हो, इसके लिए सब-वे टनल के निर्माण में बॉक्स पुशिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

आपको बता दें, इस खास तकनीक की विशेषता है कि टनल के निर्माण में समय की बचत के साथ ट्रैफिक की जगह का कम से कम इस्तेमाल किया जाता है। इसमें कामगारों की भी कम आवश्यकता पड़ती है। इस तकनीक के इस्तेमाल से टर्मिनल-3 व टर्मिनल-2 पर यातायात के मार्ग परिवर्तन की कम ही आवश्यकता होगी। इससे जाम की समस्या भी कम होगी। अभियंता के बताने के अनुसार, भूमिगत सुरंग निर्माण की यह सबसे अत्याधुनिक तकनीक है।

 

क्या हैं टर्मिनल-1 पर सुविधाएँ

आपको बता दें, कुछ महीने पहले ही टर्मिनल-1 पर एक सब-वे टनल का निर्माण हुआ। जिसे मेट्रो स्टेशन को टर्मिनल से सीधा जोड़ दिया गया। 130 मीटर लंबे इस सब-वे टनल के निर्माण से यात्रियों के लिए टर्मिनल व मेट्रो स्टेशन के बीच की आवाजाही काफी हद तक आसान हो गई।

 

काम को समय पर पूरा कराने पर होगा जोर

दिल्ली मेट्रो ने स्पष्ट कहा है कि टेंडर जारी होने के बाद जिस कंपनी को भी इस टनल सब-वे का निर्माण करवाने की जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे कार्य शुरू होने के 21 महीने के अंदर कार्य को पूरा करना होगा। काम के समय एयरपोर्ट के कामकाज से जुड़े किसी भी केबल को किसी प्रकार की क्षति न पहुंचे। इसके लिए जो भी जरूरी उपाय हों, इसका प्रबंध पहले ही कर लिया जाये।

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