होम / कुतुब मीनार परिसर में मंदिरों के जीर्णोद्धार की अपील पर सुनवाई 24 मई तक स्थगित

कुतुब मीनार परिसर में मंदिरों के जीर्णोद्धार की अपील पर सुनवाई 24 मई तक स्थगित

• LAST UPDATED : May 17, 2022

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : दिल्ली के साकेत कोर्ट ने मंगलवार को महरौली में कुतुब मीनार परिसर में 27 हिंदू और जैन मंदिरों की बहाली के संबंध में एक अपील पर सुनवाई 24 मई के लिए स्थगित कर दी। अपील में आरोप लगाया गया है कि महरौली में कुतुब मीनार परिसर के भीतर स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को एक मंदिर परिसर के स्थान पर बनाया गया था। याचिकाकर्ता ने जैन देवता तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव और हिंदू देवता भगवान विष्णु की ओर से दायर मुकदमे में कथित मंदिर परिसर की बहाली की मांग की गई है, जिसमें 27 मंदिर शामिल हैं।

24 मई को होगी मामले की अगली सुनवाई

अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 मई को होगी। अपील में कहा गया है कि भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने एवं संरक्षित करने के लिए और 27 हिंदू और जैन मंदिरों को संबंधित देवताओं के साथ बहाल करके भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 द्वारा प्रदत्त धर्म के अधिकार का प्रयोग करने के लिए मुकदमा दायर किया गया था, जिन्हें नष्ट, अपवित्र और क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। आक्रमणकारी मोहम्मद गोरी के कमांडर और गुलाम वंश के संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक के आदेश के तहत मंदिरों के उस स्थान पर इसका निर्माण किया, जिसका नाम कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद रखा गया।

एएसआई के अनुसार 27 हिंदू और जैन मंदिरों को कर दिया गया था ध्वस्त

इसमें दावा किया गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अनुसार, 27 हिंदू और जैन मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था और उस सामग्री का पुन: उपयोग करके परिसर के अंदर कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को खड़ा किया गया था। अपील में उन ध्वस्त मंदिरों को ष्पुनर्स्थापितष् करने की मांग की गई थी। बता दें कि, कुतुब मीनार परिसर के बाहर पिछले मंगलवार को एक हिन्दू संगठन के सदस्यों ने हनुमान चालीसा का पाठ कर स्मारक का नाम बदलकर श्विष्णु स्तंभ किए जाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान बिना इजाजत प्रदर्शन करने पर 44 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया था।

कुतुब मीनार विष्णु का है स्तम्भ

यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने दावा किया था कि कुतुब मीनार विष्णु स्तम्भ है जिसे महान सम्राट विक्रमादित्य ने बनावाया था। उन्होंने कहा कि बाद में कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका श्रेय लेने का प्रयास किया। परिसर में 27 मंदिर थे और उन्हें ऐबक ने नष्ट कर दिया था। इन सबके प्रमाण उपलब्ध हैं क्योंकि कुतुब मीनार परिसर में रखी हुई हिंदू देवताओं की मूर्तियों को लोग देख सकते हैं। हमारी मांग है कि कुतुब मीनार को विष्णु स्तंभ नाम दिया जाना चाहिए।

ये भी पढ़े : CM अरविंद केजरीवाल ने BJP पर साधा निशाना, अतिक्रमण के खिलाफ जेल जाने को है तैयार : केजरीवाल

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

 

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox