Tuesday, July 9, 2024
HomeDelhiईडी, सीबीआई का डर दिखाकर पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर को ठगने वाला...

-अब 2 लाख रुपये, इससे पहले 10 लाख रुपये दे चुके हैं पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा -आरोपी गुरुग्राम की ही न्यू कालोनी के रहने वाले पिता, पुत्र व पत्नी -पहले कांग्रेस में थे, अब भाजपा में

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :

ईडी और सीबीआई का खुद को अधिकारी बताकर फर्जी केस दर्ज कराने और रेड कराने की धमकी देकर गुरुग्राम के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर एवं भाजपा के प्रदेश सह-प्रवक्ता यशपाल बत्रा से 4 करोड़ रुपये की मांग करने वाले दो आरोपियों को 2 करोड़ रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अपराध प्रीतपाल ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ की जा रही है।

पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर ने थाना न्यू कॉलोनी में दर्ज की थी शिकायत

जानकारी के अनुसार बुधवार 11 मई 2022 को प्रताप नगर कालोनी गुरुग्राम निवासी पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा ने थाना न्यू कॉलोनी में एक लिखित शिकायत दी थी। उन्होंने कहा कि न्यू कालोनी में रहने वाले यशपाल अरोड़ा, उसके बेटे, उसकी पत्नी व इनके साथी ने अपने आप को ईडी व सीबीआई के अधिकारी बताया। उसकी बिल्डिंग कन्स्ट्रक्शन के कार्य को अवैध बताते हुए उसके खिलाफ दी गई फर्जी शिकायतें वापिस लेने के नाम पर तथा इसके घर पर ईडी व सीबीआई की रेड करवाने की धमकी देकर 4 करोड़ रुपये देने की मांग की।

शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस रेड टीम की गई गठित

इस शिकायत पर कार्यवाही करने के लिए एक पुलिस रेङिंग टीम गठित की गई। पीड़ित व्यक्ति को 2 लाख रुपए देने को कहा गया। रेड टीम की योजना के अनुसार पीड़ित को 2 लाख रुपयों की नगदी को यशपाल अरोड़ा को देने के लिए भेजा। यशपाल अरोड़ा ने अपने एक साथी को यशपाल बत्रा से रुपये लेने के लिए भेजा। यशपाल बत्रा ने 2 लाख रुपयों की नगदी यशपाल अरोङ़ा द्वारा भेजे गए युवक को दे दिए। उस युवक ने जाकर नगदी यशपाल अरोङा को दे दी। इसी दौरन पुलिस टीम द्वारा रेङ करते हुए आरोपी यशपाल अरोड़ा व उसके बेटे राहुल अरोड़ा को रंगे हाथ काबू कर लिया।

इस सम्बन्ध में विभिन्न धाराओं के तहत थाना न्यू कॉलोनी, गुरुग्राम में केस दर्ज किया गया। पीड़ित शिकायतकर्ता द्वारा आरोपी उपरोक्त को दिए गए 2 लाख रुपए आरोपियों के कब्जा से बरामद किया है। आरोपी इससे पहले भी पीड़ित से 10 लाख रुपए वसूल चुका है। आरोपियों को अदालत में पेश करके रिमांड पर लिया गया है, ताकि उसने बाकी के फर्जीवाड़े का भी पता लगाया जा सके।

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