India News UP(इंडिया न्यूज़),Arvind Kejriwal Arrested: आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के मुख्या अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। आप के कई नेता शराब घोटाले मामले को लेकर हवाला लेने-देने और कई अन्य मामलों में गिरफ्तार किया जा चुके हैं और अभी जेल में बंद है। तो आईए जानते हैं आम आदमी पार्टी के कौन-कौन से नेता अभी तक जेल की हवा खा चुके हैं।
शराब घोटाली मामले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को 26 जनवरी 2023 को 8 घंटे पूछताछ के बाद दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई ने इसी मामले में एक ब्यूरोक्रेट के बयान भी दर्ज किए थे, जिसमें कहा गया था कि मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी और कुछ आदेश दिए थे। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को सबूत को नष्ट करने के आरोप में हिरासत में ले लिया था। मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि इसमें उनकी मिलीभगत है। सीबीआई को दिए अपने बयान में उन्होंने कहा था कि एक्साइज पॉलिसी तैयार करने मे मनीष सिसोदिया की मुख्य भूमिका थी।
शराब घोटाले मामले में अक्टूबर 2023 को एड ने बड़ा एक्शन लिया था और लंबी पूछताछ के बाद संजय सिंह को हिरासत में ले लिया था फिलहाल वह जेल में ही बंद है। दीदी ने इससे पहले संजय सिंह के यहां छापेमारी की थी। बता दे कि दिल्ली की एक कोर्ट में अकबरी नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वाईएसआर सांसद श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा और बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा को सरकारी गवाह बनने की अनुमति मिली थी।
सिसौदिया से पहले आप नेता सत्येन्द्र जैन को मई 2022 में कथित हवाला लेनदेन के मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने जैन से एक्साइज पॉलिसी मामले में भी पूछताछ की. अदालत ने उन्हें लगभग नौ महीने पहले चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन पिछले हफ्ते उनकी जमानत रद्द कर दी गई थी, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल नंबर 7 में बंद कर दिया गया है।
आप सांसद अमानतुल्ला खान दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अवैध भर्ती और धन के दुरुपयोग से संबंधित मामले में फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उन्हें सितंबर 2022 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। एक महिला ने अमानतुल्ला खान पर यौन उत्पीड़न, बलात्कार और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था। अमानतुल्लाह पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहते हुए अवैध भर्ती और वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया गया था। दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
त्रिनगर के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह तोमर को फर्जी कानूनी डिग्री रखने के आरोप में 2015 में गिरफ्तार किया गया था। वह उस समय आप सरकार में कानून मंत्री थे। तोमर डेढ़ महीने तिहाड़ जेल में भी रहे। जितेंद्र ने शपथ पत्र के शिक्षा कॉलम में केवल “तिलक मांझी, भागलपुर विश्वविद्यालय, बिहार” लिखा। और पूरा विवाद उनकी एलएलबी के इर्द-गिर्द घूमता है। अप्रैल में एक आरटीआई से पता चला कि उनका डिप्लोमा फर्जी था।
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