India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Arvind Kejriwal Arrested: कल रात जब ईडी अरविंद केजरीवाल से पूछताछ कर रही थी तो आम आदमी पार्टी (AAP) की कानूनी टीम ने भी उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ ई-फाइलिंग के जरिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। उधर, आम आदमी पार्टी ने कहा कि भले ही अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। जरूरत पड़ी तो वह जेल से भी सरकार चलाएंगे। आज शुक्रवार (22 मार्च) को ईडी उन्हें पीएमएलए कोर्ट में पेश करेगी।
ईडी की रिमांड पर आने के बाद अगर अरविंद केजरीवाल के परिवार वाले उनसे ईडी की हिरासत में मिलना चाहेंगे तो उन्हें पीएमएलए कोर्ट की अनुमति से ही मिलने की इजाजत होगी। यह एक कानूनी प्रक्रिया है। जैसे हाल ही में के।कविता को ईडी ने रिमांड पर लिया था और ईडी ने कोर्ट की इजाजत से ही उनके परिवार वालों को मिलने की इजाजत दी थी। ईडी की हिरासत में आरोपी के लिए परिवार के सदस्य कोई खाना या पेय नहीं ला सकते हैं, लेकिन अगर आरोपी की तबीयत खराब है या अदालत अनुमति देती है, तो संभव है कि उसे घर का बना खाना खाने की अनुमति दी जा सकती है।
ये भी पढ़े: Delhi Metro: ITO मेट्रो स्टेशन आज रहेगा बंद, जानिए वजह
अब सवाल यह है कि क्या केजरीवाल जेल से सरकार चला सकते हैं? इसे समझने के लिए जेल मैनुअल को समझना होगा। सबसे पहले हमें ये समझना होगा कि जेल में कैदियों से मुलाकात कैसे की जाती है। जेल मैनुअल के मुताबिक सप्ताह में दो बार कैदियों से मुलाकात संभव है। कैदी को 10 लोगों के नाम बताने होंगे जिनसे वह मिलना चाहता है। बैठक के लिए बुकिंग टेलीफोन के माध्यम से करनी होगी। बैठक का समय और तारीख टेलीफोन द्वारा तय की जाती है। एक समय में तीन मुलाकाती जेल में आकर मुलाकात कर सकते हैं। मुलाकात के दौरान खिड़की के एक तरफ कैदी और दूसरी तरफ मुलाकाती होते हैं। बीच में लोहे की ग्रिल और जाली लगी है। कैदियों से मुलाकात सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक हो सकेगी। मुलाकात का समय जेल अधीक्षक तय करते हैं।
जेल के नियम सख्त हैं, ऐसे में सवाल ये है कि क्या जेल से सरकार चलाई जा सकती है। इसे समझने के लिए आइए जानते हैं जेल मैनुअल के कुछ और नियम। किसी कैदी को जेल में कोई विशेषाधिकार नहीं है और कोई मुलाकात नहीं हो सकती। जेल में केवल कानूनी सहायक ही दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। वह भी कोर्ट की अनुमति से ही दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये जा सकते हैं। अगर आप जेल में रहते हुए किसी फाइल पर हस्ताक्षर करते हैं तो यह अवैध माना जाता है।
ये भी पढ़े: Arvind Kejriwal Arrested: क्यों हुई CM केजरीवाल की गिरफ्तारी? क्या है 338 करोड़ का…