India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Arvind Kejriwal: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली एक्साइज घोटाले से जुड़े मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुनाया। इससे पहले 3 अप्रैल को जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले हाईकोर्ट की वाद सूची में दोपहर 2.30 बजे का समय दिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था और वह पिछले 9 दिनों से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि ये जमानत का मामला नहीं है। याचिका में ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जांच जल्द पूरी की जाए और अरविंद केजरीवाल समन पर पेश नहीं हुए। कोर्ट को राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। कोर्ट कानून के मुताबिक काम करता है। इससे पहले भी राजनेताओं से जुड़े मामले सामने आए हैं और कोर्ट ने कानून और संविधान के मुताबिक काम किया है।
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ईडी की दलील है कि अब तक के सबूतों से पता चलता है कि केजरीवाल ही आप के संयोजक हैं। गोवा चुनाव में 45 करोड़ रुपये खर्च हुए। केजरीवाल के वकील ने इसका विरोध किया। सरकारी गवाह बनने का फैसला कोर्ट लेती है, जांच एजेंसी नहीं। अगर सवाल उठता है तो सवाल सिर्फ कोर्ट का है। शरत रेड्डी ने चुनावी बांड के जरिए बीजेपी को पैसा दिया, इससे इस अदालत को कोई सरोकार नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपी के मुताबिक जांच नहीं की जा सकती। सरकारी आदमी होने के कारण किसी को राहत नहीं मिल सकती। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर जांच एजेंसी को लगता है कि जांच के लिए गिरफ्तारी जरूरी है तो वह गिरफ्तारी कर सकती है।
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