नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच का सियासी खेल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वहींं दूसरी ओर केंद्रीय सूचना आयुक्त (CIC) उदय माहुरकर ने LG को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में CCI ने सूचना के अधिकार (RTI) कानून को लागू करने में आप सरकार की विफलता का जिक्र किया है। पत्र के मिलते ही उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली के मुख्य सचिव को जल्द से जल्द सुधारात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
वहींं उपराज्यपाल कार्यालय के एक सूत्र ने कहा, ‘‘सीआईसी द्वारा उजागर किए गए मुद्दों की गंभीरता को देखते हुए उपराज्यपाल सचिवालय ने मामले के जल्द से जल्द समाधान के लिए मुख्य सचिव को नियमों के अनुसार आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।’’
इस पत्र में कहा गया है कि राजस्व, पीडब्ल्यूडी, सहकारिता, स्वास्थ्य और बिजली जैसे विभागों के अलावा डीएसएसएसबी और डीएसआईआईडीसी आदि जैसे निकाय, जो सीधे आम लोगों से निपटते हैं, या तो गलत उद्देश्यों के साथ वास्तविक जानकारी को अपने पास रखते हैं या वैध सूचना को साझा करने से इनकार करते हैं।
सूत्रों ने आगे बताया कि सूचना मांगने वाले या उपलब्ध कराने की अपील करने वालों को गुमराह करने के उद्देश्य से उन्हें गलत सूचना दी जाती है। इसके साथ ही ये भी बताया गया कि लोक सूचना अधिकारी (PIO) उपस्थित नहीं होते हैं और अपने क्लर्क तथा निचले स्तर के कर्मियों को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए भेज देते हैं।
एलजी को CCI की ओर से जारी किए लिखे गए पत्र पर दिल्ली सरकार ने भी प्रतिक्रिया दी जारी की है। दिल्ली सरकार ने कहा कि CCI ने यह पत्र बीजेपी के कहने पर लिखा है। यह दुखद है कि सीआईसी जैसी संस्था गंदी राजनीति में शामिल है। दिल्ली सरकार को इस बात पर गर्व है कि हम आरटीआई को सही मायने में लागू करते हैं।
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