Auto-Taxi Fare Delhi:
नई दिल्ली: दिल्ली में जल्द ही ऑटो-टैक्सी का किराया बढ़ सकता है। हालांकि केजरीवाल सरकार ने अभी तक किराया बढ़ाने पर फैसला नहीं दिया है, जिसे लेकर दिल्ली ऑटो-टैक्सी चालक संघ खासा नराज दिखाई दे रहा है। बीते सोमवार को ऑटो-टैक्सी यूनियन ने परिवहन विभाग के पदाधिकारियों से मुलाकात की है। जिसमें ऑटो, रिक्शा और टैक्सी परिचालन से जुड़ी समस्याओं के मुद्दे उठाए गए। ऑटो-टैक्सी यूनियन का कहना है कि अगर केजरीवाल सरकार जल्द किराया बढ़ाने को लेकर फैसला नहीं लेती है तो हमलोगों को मजबूरन कोई कदम उठाना पड़ सकता है।
खत्म नहीं हुआ सिक्योरिटी नंबर प्लेट से जुड़ा मुद्दा
दिल्ली प्रदेश ऑटो-टैक्सी यूनियन ने कहा है कि दिल्ली सरकार ने अब तक ऑटो-टैक्सी का किराया नहीं बढ़ाया है। साथ ही सीएनजी की कीमतों में भी सब्सिडी नहीं दी है। वहीं सिक्योरिटी नंबर प्लेट से जुड़ा मुद्दा भी खत्म नहीं हुआ है। यूनियन के मुताबिक, डीलरों ने बिना नंबर प्लेट के गाड़ियां बेचीं और फिर नंबर प्लेट के लिए अलग से पैसा वसूल रही है। इसके साथ ही फाइनेंसरों के बैठाए ब्रोकरों के द्वारा भी ऑटो चालकों को लूटा जा रहा है।
बढ़ सकता है ऑटो-टैक्सी का किराया
वहीं दूसरी तरफ परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त के मुताबिक, दिल्ली में किराया बढ़ाने से जुड़ी फाइल कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजी गई है, जिसकी स्वीकृति जल्द होने की उम्मीद है।’ अगर कैबिनेट से मंजूरी मिल जाती है तो दिल्ली में ऑटो-टैक्सी से सफर करना महंगा हो जाएगा। यूनियनों के मुताबिक सीएनजी के दाम बढ़ने के बाद चालकों को घाटा हो रहा है। कैबिनेट को भेजे गए प्रस्ताव में ऑटो रिक्शा के बेस फेयर में 5 रूपये और प्रति किलोमीटर के किराये में 1.5 रुपये वहीं, टैक्सियों के बेस फेयर में 15 रुपये और किराये में प्रति किलोमीटर 3 से 4 रूपया बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव रखा है।
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