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एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर लगेगी पूरी तरह से रोक

• LAST UPDATED : June 17, 2022

महेश शर्मा, Gurugram news । जिला में आगामी 1 जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल, भंडारण व बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी जाएगी। निर्धारित तिथि से पहले जिला में पर्यावरण को सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के प्रति जनमानस में चेतना जागृत करने व बाजार में व्यापारियों व खुदरा विक्रेताओं को पॉलीथिन के विकल्प अपनाने से जुड़ी गतिविधियां भी आरंभ की जा रही हैं।

बढ़ते प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है प्लास्टिक

हम सब जानते हैं कि बढ़ते प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण प्लास्टिक है। प्लास्टिक हमारे वातावरण को कई तरीकों से नुकसान पहुंचा रहा है। इससे वायु प्रदूषण के साथ ही साथ प्लास्टिक से जल व भूमि प्रदूषण भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। प्लास्टिक के कारण भूजल रिचार्ज भी नहीं हो पा रहा है। प्लास्टिक कई सालों तक नष्ट नहीं होता है, जिसके कारण सालों तक वातावरण को इसका नुकसान झेलना पड़ता है। हम सभी को यह बात समझनी होगी कि प्लास्टिक न केवल वातावरण के लिए, बल्कि मनुष्य जीवन के लिए भी हानिकारक है। ऐसे में आगामी एक जुलाई 2022 से प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लग जाएगा।

हम सभी को पर्यावरण संरक्षण संबंधी निभानी है भागीदारी

उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि हम सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण में अपनी भागीदारी निभानी है। पॉलीथिन पर रोक न केवल हमारे लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी बहुत जरूरी है। प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को लेकर जन जागरण अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्होंने जिला में प्लास्टिक वेस्ट रूल्स का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा है कि एसयूपी के इस्तेमाल को रोकने के लिए गंभीरता से कार्य किया जाए। सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक के लिए स्कूल व कॉलेजों में निबंध लेखन, पेंटिंग आदि जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाए।

सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने का किया गया आह्वान

डीसी ने जिला के नागरिकों से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करने का आह्वान किया है। एनजीटी द्वारा बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने और वातावरण का स्वच्छ रखने के उद्देश्य से सरकार एवं एनजीटी द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। सरकार एवं एनजीटी द्वारा प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 को प्रभावी ढंग से लागू करने को कहा गया है। इन आदेशों की अवहेलना पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति अथवा संस्थान के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने का भी प्रावधान किया गया है। सरकार एवं एनजीटी द्वारा जारी दिशा-निदेर्शों के अनुसार प्लास्टिक की मोटाई 120 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। इससे कम मोटाई वाले प्लास्टिक की चीजों पर प्रतिबंध रहेगा।

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