Sunday, July 7, 2024
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BBC controversy : कुछ दिनों पूर्व बीबीसी एक डॉक्युमेंट्री बनाया था ‘India: The Modi Question’। गुजरात दंगों पर आधरित इस डॉक्युमेंट्री में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर बीबीसी ने सवाल उठाये थे। हालांकि, बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री को भारत सरकार ने ‘प्रोपगैंडा’ करार बताते हुए ख़ारिज कर दिया था। कल यानि मंगलवार 14 फरवरी को बीबीसी की दिल्ली / मुंबई दफ्तर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने सर्वे किया था। आईटी डिपार्टमेंट के सर्वे पर कांग्रेस ने देश में अघोषित आपातकाल बताया था। कांग्रेस ने मौजूदा सरकार पर आरोप लगाया कि वो बीबीसी से बदला लेने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है। बीबीसी पर आईटी डिपार्टमेंट के सर्वे पर चीखने वाली कांग्रेस खुद बीबीसी पर कई बार प्रतिबंध लगा चुकी है। आइये जानते हैं बीबीसी रेड पर बीजेपी को कोसने वाली कांग्रेस कितनी दूध की धुली है।

भारत में बैन और कांग्रेस की भूमिका

पहली बार 1970 में कांग्रेस सरकार ने बीबीसी को भारत में बैन कर दिया था। फ्रांसीसी निर्देशक लुइस मैली की दो डॉक्यूमेंट्री ‘कलकत्ता’ और ‘फैंटम इंडिया’ का प्रसारण ब्रिटिश टेलीविजन पर किया गया था। प्रसारण के बाद भारतीयों ने बीबीसी की तीखी आलोचना की थी। इन दोनों डॉक्युमेट्री में भारत की नकारात्मक तस्वीर दिखाई गई थी। इसे बैन करने साथ-साथ दिल्ली स्थित बीबीसी का ऑफिस 2 साल के लिए बंद रहा था।

दूसरी दफा 2008 में कांग्रेस सरकार और बीबीसी के बीच एक बार फिर टकराव हुआ। इस दौरान बीबीसी ने एक पैनोरमा शो में एक फुटेज दिखाया जिसमें बच्चे एक वर्कशॉप में काम करते हुए दिख रहे थे। इस शो कि स्टोरी फर्जी थी। इस शो पर बाल श्रम को बढ़ावा देने के आरोप लगाए गए।

तीसरी बार 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री को बैन करने के फैसले को सही ठहराया था। इस डॉक्यूमेंट्री में दिल्ली के निर्भया गैंग रेप के दोषी मुकेश सिंह को दिखाया जा रहा था।

चौथी बार 2017 में बीजेपी सरकार ने बीबीसी की जंगली जानवरों के शिकार से जुड़ी एक डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाया था। मालूम हो, बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री की वजह से भारत की छवि को गहरी चोट पहुंचाई गई थी। इस बैन के साथ-साथ भारत सरकार ने बीबीसी को भारत के नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफसेंचुरी में शूटिंग करने से 5 साल की रोक लगा दी।

कांग्रेस द्वारा बैन की गई फिल्में

बता दें, 1975 में बनी फिल्म ‘आंधी’ पर तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। मगर बाद में जब जनता पार्टी की सरकार आई तो इस प्रतिबंध को हटा लिया गया। कांग्रेस पार्टी ने इस फिल्म को लेकर आरोप लगाया कि ये फिल्म तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ उनके पति के रिश्तों पर आधारित थी।

1970 के दौर में ही ‘किस्सा कुर्सी का’ फिल्म पर बैन लगाया गया था। इस फिल्म में आपातकाल के दौर और इसी दौर की सरकारी तानाशाही को निशाना बनाया गया था। मगर इस फिल्म को जनता पार्टी सरकार ने 1977 में रिलीज करा दिया था।

आपातकाल में कांग्रेस ने लगाया किशोर कुमार के गानों पर बैन

मालूम हो, आपातकाल के दौर में कांग्रेस सरकार ने किशोर कुमार के गाने पर बैन लगाया था। 1975 में इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी की घोषणा की और मीडिया, कलाकारों और विरोधी नेताओं के कई संवैधानिक अधिकारों को छीन लिया था। इन सबके चलते इमरजेंसी के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार संकट में आ गई थीं। उन दिनों किशोर कुमार काफी पॉपुलर थे। कांग्रेस सरकार चाहती थी कि सरकारी योजनाओं की जानकारी किशोर कुमार अपनी आवाज में गाना गाकर दें। इंदिरा गांधी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री वीसी शुक्ला ने किशोर कुमार के पास संदेशा भिजवाया कि वो इंदिरा गांधी के लिए गीत गाएं जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सरकार की आवाज पहुंचे।

किशोर कुमार ने संदेश देने वाले से पूछा कि उन्हें ये गाना क्यों गाना चाहिए तो उसने कहा, क्योंकि वीसी शुक्ला ने ये आदेश दिया है। आदेश देने की बात सुनकर किशोर कुमार भड़क गए और उन्होंने उसे डांटते हुए गाना गाने से मना कर दिया। किशोर कुमार के इस फैसले से कांग्रेस गुस्से में आ गई और उन्होंने किशोर कुमार के गाने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिए। सिर्फ यहीं नहीं, जिन फिल्मों में किशोर कुमार बतौर एक्टर दिखे ते, उनके प्रसारण पर भी रोक लगा दी गई। किशोर कुमार पर यह बैन 3 मई 1976 से लेकर आपातकाल खत्म होने तक जारी रहा।

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